गर्मी आसमान से बारिश की तरह बरस रही है। लू से जानवरों के साथ पालतू मुर्गियों को बचाने की कोशिश बहुत जरूरी है। गर्मी अधिक बढ़ने से मुर्गियों की मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। गर्मी का समय मुर्गीपालन करने वालों के लिए सबसे कठिन समय होता है क्योंकि ज्यों ज्यों तापमान बढ़ता है, मुर्गियां दाना कम खाती हैं और परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। गर्मियों में खुद को तरोताजा रखने के लिए मनुष्य को भी कई जतन करने पड़ते हैं। गर्मी के मौसम में मुर्गियों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। गर्मी के साथ ही मुर्गियों के आहार में कमी और पानी की खपत भी बढ़ जाती है। इसलिए मुर्गियों को हर दिन साफ-सुथरा और ताजा पानी देना चाहिए. इसके लिए मिट्टी का बर्तन उपयोग करें, जिससे पानी अधिक समय तक ठंडा रहे। इसके अलावा गर्मी के दिनों में पानी के लिए किसी प्लास्टिक, जस्ता या फिर स्टील के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए। गर्मी के मौसम में मुर्गियों को हीट स्ट्रोक और अन्य समस्याओं से बचाव के लिए इलेक्ट्रॉल पाउडर भी देना चाहिए। जब गर्मी में लू चलती है, तो मुर्गियों में अक्सर डायरिया की समस्या होती है। इस परेशानी से बचने के लिए इलेक्ट्रोलाइट पाउडर प्रयोग करना जरूरी होता है।
मुर्गी घर में उनके रहने की खुली जगह होनी चाहिए। खुली हवादार जगह, जहां कूल लगाना आसान हो, में मुर्गियां कम गर्मी महसूस करती है।पोल्ट्री शेड के ऊपर पराली बिछाना और उस पर फौहारे की मदद से पानी का छिड़काव करना चाहिए। इस तरह की हीट स्ट्रोक आदि बीमारियों से आराम से बचा जा सकता है। शेड पर दिन में 3-4 बार पानी छिड़कने से शेड का तापमान 5 डिग्री से 10 डिग्री तक कम हो जाता है। इससे हीट स्ट्रोक की समस्या कम होगी। मुर्गी घर में नियमित सफाई जरूरी है। साफ-सफाई के साथ खान-पान पर ध्यान देना चाहिए।गर्मियों में मुर्गियों का बिछावन 2 इंच से अधिक नहीं होना चाहिए और बिछावन ज्यादा पुराना हो तो बदल देना चाहिए। अगर तापमान 40 से 41 सेंटीग्रेड ज्यादा हो रहा हो तो सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक दाना नहीं डालना चाहिए। गर्मी के समय में मुर्गियों को आहार में अधिक मात्रा में विटामिन और मिनरल दाने देने चाहिए। भोजन में विटामिन ई और विटामिन सी को शामिल करने से गर्मी तनाव कम होता है।