फल-सब्जियों को हाइब्रिड कर उसकी भी अलग नस्ल निकाली जाती है। अब मार्केट में नीले रंग के केले आ गए हैं। जी हां, देखने में ये केला आम पीले केले जैसा ही दिखता है लेकिन इसका टेस्ट बिलकुल अलग है। इसका टेस्ट आपको वैनिला आइसक्रीम जैसा लगेगा।
नीले रंग का ये केला किसी फैक्ट्री में नहीं बनता है। इसकी आम केले की तरह ही खेती होती है। जैसे भारत में बड़े-बड़े खेतों में केले का पैदावार होता है वैसे ही ये नीले केले भी पैदा किये जाते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीले केलों के पेड़ करीब 6 मीटर तक लंबे होते हैं। इसकी खेती और फलों के आने में दो साल तक का समय लगता है। इसमें लगने वाले केले 7 इंच तक के होते हैं।
नीले केले की सबसे ज्यादा खेती दक्षिण अमेरिका में होती है। नीला केला सबसे ज्यादा कम टेम्पेरेचर वाले देशों में उगाया जाता है। कई जगहों पर इसे ब्लू जावा भी कहा जाता है। ब्लू जावा केला 7 इंच तक लंबा हो सकता है।
नीले केले का इस्तेमाल आइसक्रीम, स्मूदी, और कई तरह के डेजर्ड में किया होता है। इसका टेस्ट बिलकुल आइसक्रीम जैसा होता है। इसे खाने के बाद आपको ऐसा अहसास होगा जैसे आप वैनिला आइसक्रीम खा रहे हैं।
दुनिया के कई देशों में इस आइसक्रीम की पैदावार होती है। इसे अलग-अलग देशों में अलग नाम से जाना जाता है। जहां फिजी में इसे हवाइयन बनाना के नाम से जाना जाता है वहीं हवाई में इसे आइसक्रीम बनाना कहा जाता है।