महिला मतदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में जिन 23 बड़े राज्यों में चुनाव हुए हैं, उनमें से 18 राज्यों में पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाताओं ने मतदान किया। इन 18 में से 10 राज्यों में दोबारा वही सरकार आई, जो पहले से थी। देश की राजनीति में गेम चेंजर साबित होने वाली महिला मतदाता 2029 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा मतदान करेंगी। मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले कुल 73 करोड़ मतदाताओं में 37 करोड़ महिलाएं ही होंगी। पिछली 17वीं लोकसभा में कुल सांसदों में केवल 15 फीसदी सांसद महिलाएं थीं। पहली लोकसभा में यह संख्या 5 फीसदी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार के चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 96.8 करोड़ है। कुल 68 करोड़ लोग मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें 33 करोड़ यानी 49 फीसदी महिला मतदाता होंगी। 85.3 लाख महिलाएं पहली बार मतदान करेंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, 2047 तक (2049 में संभावित चुनाव) महिला मतदाताओं की संख्या बढ़कर 55 फीसदी (50.6 करोड़) जबकि पुरुषों की संख्या घटकर 45 फीसदी (41.4 करोड़) हो जाएगी। इस दौरान कुल 115 करोड़ मतदाता होंगे। इनमें 80 फीसदी लोग यानी 92 करोड़ मतदान कर सकते हैं।
सरकार की तमाम योजनाओं में महिला लाभार्थी आगे हैं। मसलन, स्टैंडअप इंडिया में इनकी हिस्सेदारी 81% है। मुद्रा लोन में 68%, पीएम सुरक्षा बीमा योजना में 37% और पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना में 27% हिस्सा महिलाओं का है। इन राज्यों में महिला मतदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ी…गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और तेलंगाना।