दुनिया के दो देश ऐसे हैं जहां काबुली चने सबसे अधिक निर्यात किया जा रहा है | संयुक्त अरब आमिरात और श्रीलंका में सबसे अधिक खेप भेजी जा रही है | दुनिया के जिन देशों में काबुली चना पैदा होता है, वहां से सप्लाई कम हो गई है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी भारी कमी देखी जा रही है | भारत के कृषि और व्यापार क्षेत्र को इसका फायदा मिल रहा है जिससे निर्यात में तेजी आई है |
एक तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काबुली चने की कमी और दूसरी तरफ रमजान, इन दोनों फैक्टर ने भारत के काबुली चने की मांग और सप्लाई में बड़ी तेजी लाई है. काबुली चने में भी भारत की बोल्ड वेरायटी की बहुत मांग होती है. इस वेरायटी का उत्पादन दुनिया के दो देश-भारत और मैक्सिको सबसे अधिक करते हैं. मैक्सिको में अभी काबुली चने की कटाई शुरू नहीं हुई है और अगले महीने इसकी शुरुआत होगी. इस बार मैक्सिको में कम पैदावार भी निकल रही है.
इस बात का पूरा फायदा भारत के किसानों और व्यापारियों को मिलता दिख रहा है | भारत में लगभग एक महीने पहले चने की कटाई शुरू हो गई थी और इस बार पैदावार भी बंपर है | लिहाजा, भारत से निर्यात में बड़ी तेजी देखी जा रही है | मैक्सिको के पास इस बार रिजर्व स्टॉक भी नहीं है जबकि भारत के साथ यह है | इन सभी बातों की वजह से भारत के काबुली चने की पूरी दुनिया में धूम मची हुई है |
केवल काबुली चने की बात नहीं है बल्कि दुनिया आज छोटे चने के लिए भारत की तरफ देख रही है | महाराष्ट्र में इस बार छोटे चने की बंपर पैदावार निकल रही है | इस चने की निर्यात मांग बढ़ने से किसान अपनी पैदावार
स्टोरेज में नहीं रख रहे हैं बल्कि उसे निर्यात के लिए बेचा जा रहा है | छोटे चने की घरेलू मार्केट में मांग भी अधिक है, इसलिए किसान इसे जल्दी में निकाल देना चाह रहे हैं | छोटे चने की मांग दुबई और अल्जीरिया में बहुत अधिक है जहां निर्यात किया जा रहा है |