प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश से संसद में पहुंचे हैं| उन्ही के सूबे में उनकी महत्वाकांक्षी योजना में 26 अरब का घोटाला हुआ है| यह गड़बड़ी ‘ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ में हुई है| करीब 21 लाख लोगों ने खुद को किसान घोषित करते हुए योजना की रकम बटोर ली| अब, जांच में फर्जी किसानों से 22 हज़ार रुपये वसूलने के लिए जिला अधिकारी पसीने-पसीने हैं|
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत उत्तर प्रदेश में चयनित 21 लाख किसान जांच में अपात्र पाए गए हैं| उनसे उन्हें इस योजना के तहत अब तक दी गई धनराशि की वसूली की जाएगी| उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य में केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री व किसान सम्मान निधि के तहत केन्द्र सरकार से कुल दो करोड़ 85 लाख किसानों की सूची प्राप्त हुई थी| इनमें से 21 लाख काश्तकार सत्यापन में अपात्र पाए गए हैं| श्री शाही ने बताया कि अपात्र पाए गए किसानों से उन्हें इस योजना के तहत अब तक दी गई रकम की वसूली की जाएगी|
वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 के आयकर रिटर्न खंगाले गए तो उत्तर प्रदेश से अब तक कुल 2 लाख 35 हजार किसान ऐसे मिले जिन्होंने इन्कम टैक्स अदा किया और किसान सम्मान निधि भी हासिल की। ऐसा तब किया गया जबकि किसान सम्मान निधि के नियम व शर्तों में यह स्पष्ट किया गया है कि किसान सम्मान निधि उसी किसान को मिलेगी जो भारत का नागरिक होगा, जिसकी खेती होगी और जो आयकरदाता नहीं होगा।
प्रदेश के कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक लाख सात हजार ऐसे लाभार्थी किसान भी किसान सम्मान निधि पाने के अपात्र माने गए जो मौके पर हुई जांच में आधार, ई-मेल व मोबाइल फोन नम्बर गलत पाए जाने पर इस योजना की पात्रता के योग्य नहीं मिले। इस योजना के लाभार्थी रहे 77 हजार किसानों का अब तक देहांत हो चुका है और उनके आश्रितों ने इस योजना का लाभ पाने व अन्य वजहों के लिए अपनी वरासत अभी तक दर्ज नहीं करवाई है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार गरीब व मध्यम वर्गीय किसान अपनी खेती आसानी से कर सके, इस लिए सरकार पिछले तीन वर्षों से उन्हें सम्मान निधि दे रही है| आयकर दाताओं ने भी झूठा घोषणा पत्र भरके सम्मान निधि की राशि हजम की है। आधार सत्यापन के दौरान पता चला कि यह आयकर भी जमा करते हैं। यह ज्ञात होने पर केंद्र सरकार ने इनकी सम्मान निधि रोक दी।