राजस्थान में सुजानगढ़ खनन की वजह से गांव में प्रदूषण बढ़ा तो लोग बीमारियों का शिकार होने लगे। पहले तो अवैध खनन माफिया के खिलाफ ग्रामीणों के साथ मोर्चा खोला। गांव वालों को प्रदूषण से बचाने के लिए 144 बीघा बंजर जमीन 13 हजार पौधे लगा दिए। यह कहानी है प्रदेश में मनरेगा के जरिए हरियाली बढ़ाने में रोल मॉडल बनी चूरू जिले के सुजानगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोपालपुरा की।
ग्राम पंचायतों के लिए अनुकरणीय उदाहरण के रूप में यह कहानी है प्रदेश में मनरेगा के जरिए हरियाली बढ़ाने में रोल मॉडल बनी चूरू जिले के सुजानगढ़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोपालपुरा की। यहां की सरपंच सविता राठी ने ग्रामीणों की मदद से गोपालपुरा ग्राम पंचायत में ग्रीन जोन बना दिया। ग्राम पंचायत क्षेत्र के 144 बीघा में फैली हरितिमा ने महिलाओं के लिए रोजगार की राहें भी खोली हैं। महिलाओं को ग्राम पंचायत की ओर से विभिन्न विधाओं के प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
ग्राम पंचायत गोपालपुरा के नवाचारों की दिल्ली से लेकर जयपुर तक सराहना हो चुकी है। वर्ष 2007 में ग्राम पंचायत का मास्टर प्लान बनाने की वजह से गोपालपुरा गांव देशभर की सुर्खियों में आया। इस नवाचार पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विज्ञान भवन में ग्राम पंचायत की सराहना की। 2007 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ग्राम पंचायत को निर्मल ग्राम पुरस्कार देकर सम्मानित किया। 2008 व 2009 में बेस्ट सरपंच का पुरस्कार मिला।
हरितिमा ढाणी के लिए पहल करते हुए ग्राम पंचायत ने 2021 में कदमताल शुरू की। अब तक हरितिमा ढाणी में लगभग 13 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें से दस हजार से अधिक पौधे वर्तमान में जिंदा है। पौधों को पानी देने के लिए ग्राम पंचायत ने बारिश के पानी को टांकों में सहेजा।
गोपालपुरा ग्राम पंचायत की ओर से 144 बीघा बंजर जमीन में जहां पौधरोपण किया गया है उसको हरितिमा ढाणी का नाम दिया गया है। पहले यहां गांव के लोग आने से कतराते थे। लेकिन हरियाली के साथ अन्य सुविधाएं विकसित होने पर गांव के साथ इलाके के लोग सुकून लेने के लिए पहुंचने लगे हैं।