लखनऊ में आम का मेगा क्लस्टर बनेगा। यह परियोजना अगले पांच वर्षों में पूरी होगी। उन्होंने कहा कि अब लखनऊ में माल, मलिहाबाद व काकोरी फलपट्टी का आम देश और विदेश में ‘काकोरी आम’ के नाम से भेजा जाएगा। इसी नाम से लखनऊ के आम की ब्रांडिंग होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए केन्द्र से सौ करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है।
मुख्यमंत्री ने ये बातें सोमवार को अवध शिल्पग्राम में आयोजित आम महोत्सव के उद्घाटन समारोह में कहीं। उन्होंने उद्यान विभाग के अधिकारियों को सलाह दी कि अब हर साल पहली से सात जुलाई के बीच आम महोत्सव आयोजित किया जाए और इसमें देश के विभिन्न राज्यों के आम के बागवानों को आमंत्रित किया जाए। उन्हें सम्मानित भी किया जाए।
कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जानकारी दी कि अमरोहा और वाराणसी में मैंगो पैक हाउस बनाए जा रहे हैं ताकि वहां से भी आम का निर्यात किया जा सके। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग प्रस्ताव लाए ताकि निर्यातकों की समस्याओं का निराकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस वक्त आम की कुल 13 फलपट्टी हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
उद्यान राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने बागवानों और किसानों तक अच्छी तकनीक पहुंचाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय की तर्ज पर औद्यानिक विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केन्द्र की ही तरह औद्यानिक विज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि मलिहाबाद में आम के प्रसंस्करण की इकाई भी लगनी चाहिए।
महोत्सव में प्रगतिशील बागवानों व आम के उत्कृष्ट उत्पादक किसानों को सम्मानित भी किया। इनमें बिजनौर के दया कृष्ण शर्मा, बस्ती के पुष्कर आदित्य सिंह, हरदोई के अजय सिंह, उन्नाव के नमित कुमार सिंह, गोरखपुर के शिवप्रताप सिंह, मुजफ्फरनगर के संदीप वर्मा, रायबरेली के अनिकेत सिंह, बाराबंकी से प्रदीप कुमार, बागपत के सचिन कुमार, सीतापुर से लक्ष्मण सिंह, लखनऊ के दिनेश प्रताप सिंह, विजय कुमार और आम की रंगीन प्रजातियों के लिए एससी शुक्ला एवं उपेंद्र सिंह शामिल रहे। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव उद्यान राजेश कुमार सिंह, निदेशक उद्यान आरके तोमर मौजूद रहे।