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उत्तर प्रदेश: गन्ना इंडेंट कम जारी होने से किसानों में गुस्सा, आंध्र प्रदेश में कम गन्ना की वजह से चीनी मिल बंदी का। ऐलान

उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सीजन ने रफ़्तार पकड ली है, लेकिन साथ ही किसानों के समस्याओं ने भी गति पकड ली है। किसानों के सामने गन्ना इंडेंट कम जारी होने की सबसे बड़ी समस्या है। भाकियू ने किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील परिसर में पंचायत की।इस पंचायत में किसानों ने गन्ना का इंडेंट कम जारी होने पर नाराजगी जताई। किसानों ने खरीद का इंडेंट न बढ़ने पर 13 दिसंबर को बरेली जनपद के मीरगंज में ट्रैक्टर मार्च निकाल कर सिधौली चौराहा पर चक्का जाम की चेतावनी दी है।

पंचायत में मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार राठी ने कहा की, चीनी मिल के क्रय केंद्रों पर तौल का कम इंडेंट जारी होने से किसान पेड़ी गन्ना के खेतों को खाली कर गेहूं की बोआई नहीं कर पा रहे हैं। मिल सीमा के सेंटरों पर ज्यादा खरीद की जा रही है। गन्ना इंडेंट न बढ़ने पर किसान 13 दिसंबर को मीरगंज में ट्रैक्टर मार्च निकाल कर सिधौली चौराहा पर हाईवे पर चक्का जाम करेंगे।किसानों ने तहसीलदार विशाल कुमार शर्मा को ज्ञापन दिया। पंचायत में इमरान अली खान, भाई, रेहान, अवधेश पाठक, दानिश अख्तर, राजन सिंह, समर अली, विकास वर्मा आदि मौजूद रहे।

दूसरी ओर आंध्र शुगर्स लिमिटेड ने घोषणा की है कि, कंपनी पर्याप्त मात्रा में गन्ने की अनुपलब्धता के कारण 2025-26 पेराई सत्र के लिए भी तदुवाई में अपने चीनी प्लांट का संचालन नहीं करेगी। परिणामस्वरूप, कंपनी ने चीनी मिल क्षेत्र के किसानों को सूचित किया है कि, वे गन्ना रोपण न करें। कंपनी ने इस बात पर जोर दिया कि, वर्तमान गन्ना आपूर्ति चुनौतियों के कारण परिचालन की व्यवहार्यता अब संभव नहीं है।

एक फाइलिंग में, आंध्र शुगर्स लिमिटेड ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि हमारे चीनी मिल क्षेत्र के किसानों को सूचित किया गया है कि वे गन्ना रोपण न करें, क्योंकि कंपनी इस स्तर पर परिचालन की व्यवहार्यता के लिए पर्याप्त गन्ने की अनुपलब्धता के कारण 2025-26 पेराई सत्र के लिए भी तदुवाई चीनी मिल नहीं चला सकती है। कंपनी का चीनी कारोबार 1952 में तनुकू में एक चीनी मिल से शुरू हुआ था, जो 600 टीसीडी (प्रतिदिन टन गन्ना) पेराई करता थी, और तब से तीन स्थानों (तनुकू, तदुवाई और भीमाडोले) तक फैल चुका है, जिसकी कुल पेराई क्षमता 16,000 टीसीडी है।

बरेली जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार बहेड़ी चीनी मिल पिछले दो वर्षों से किसानों का शत प्रतिशत बकाया भुगतान करने में विफल रही है। गुस्साए गन्ना किसान गन्ना भुगतान न होने के विरोध में भाजपा सांसद छत्रपाल गंगवार के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। इस अवसर पर किसानों ने नजदीकी सेंटर मीरगंज कराने की मांग की। सेंटर में बदलाव होने तक किसानों ने बच्चों के साथ आवास के बाहर ही जमे रहने की चेतावनी भी दी। किसानों से मिलने पहुंचे सांसद छत्रपाल गंगवार ने किसानों से बातचीत कर गन्ना विभाग और चीनी मिल के अधिकारियों को तलब कर लिया। सांसद छत्रपाल गंगवार की ओर से किसानों को लखनऊ ले जाने का आश्वासन मिलने के बाद किसान धरने से उठ गए।

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