प्रयागराज में महाकुंभ की शुुरुआत अगले महीने से होगी। सभी के लिए स्नान और रहने का बंदोबस्त किया जा रहा है। युद्ध स्तर पर तैयारी हो रही है। हजारों मजदूर कुंभ को महाकुंभ में साधु-संतों बदलने के लिए जुटे हुए हैं। कुंभ नगरी की चार तहसील और 67 गांवों को मिलाकर छह हजार हेक्टेयर में राजस्थानी झलक भी देखने को मिलेगी। ,करीब 45 दिवसीय इस आयोजन में जयपुर सहित पूरे राजस्थान से 20 लाख से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगाएंगे। संगम की रेती पर टेंट सिटी में श्रद्धालुओं को रुकने के लिए जयपुर सहित मारवाड़ के अन्य जिलों से टेंट व्यापारी टेंट बेस्ड कॉटेज तैयार कर रहे हैं।
राजस्थान की आन बान और शान को तीर्थयात्रियों, खासतौर पर विदेशी पर्यटकों के लिए विश्राम, जलपान सहित अन्य सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी। टेंट व्यापारी डॉ. रवि जिंदल और नितेश शर्मा ने बताया कि टेंटों के लिए ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो चुकी है। इनका किराया पांच हजार रुपये लेकर करीब 70 हजार रुपए तक है। इनमें तीर्थयात्री घर जैसी सुख सुविधाओं का अनुभव ले सकेंगे।
मिली जानकारी अनुसार मेले में लगभग 30% टेंट का कार्य राज्य के व्यापारी कर रहे हैं।
राज्य के दो हजार से अधिक व्यापारी दे रहे हैं सेवा।
विला, महाराजा, स्विस कॉटेज और डॉर्मेटरी की सुविधा रहेगी।
एक रात रुकने के लिए 1500 से 35 हजार रुपये तक किराया।
गौरतलब है कि महाकुंभ में साधु-संतों और देशभर के श्रद्धालुओं का प्रवास तो करीबी पचास दिन तक रहेगा लेकिन स्नान-दान के लिए तीन महत्वपूर्ण तिथियां सुनिश्चित हैं। इन तिथियों में 14 जनवरी (मकर संक्रांति)। दूसरा: 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और तीसरा: दो फरवरी (बसंत पंचमी) का प्रमुख हैं।