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गन्ने की बुवाई में अपनाएं ट्रंच विधि, नहीं लगेगा लाल सड़न रोग

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान फसल में लाल सड़न रोग (रेड डाॅट) की वजह से परेशान हैं। गन्ना मिलें बीमार गन्ना वापस कर देती हैं। इस कारण किसानों को उनकी मेहनत का भरपूर लाभ नहीं मिल पाता है। गन्ना किसानों को लाल सड़न रोग से बचाव के लिए किसानों को चाहिए कि रबी की फसल की कटाई के बाद जिस खेत में वे गन्ने का रोपण करना चाहते हैं उस खेत की गहरी जुताई करें। इसके लिए मिट्‌टी पलट हल का उपयोग कर सकते हैं। यह जुताई गर्मी के महीने में ही करनी चाहिए। आमतौर पर मई-जून में मानसून आने से पहले खेत की गहरी जुताई की जाती है। खेत की गहरी जुताई का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ऐसा करने से मिट्‌टी में पनप रहे जीवाणु ऊपर आ जाते हैं और तेज धूप में नष्ट हो जाते हैं जिससे मिट्‌टी इन कीटों से सुरक्षित हो जाती है। अब ऐसी मिट्‌टी में फसल की बुवाई करने से संक्रमण की कम संभावना रहती है।

गन्ना बोने की अच्छी और रोगमुक्त पैदावार लेने के लिए किसानों को फसल चक्र को अपनाना चाहिए। इससे गन्ने को लगने वाले रोगों में कमी आती है और पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा भूमि की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है। गन्ने के लिए क्षेत्र के अनुसार अपनाए जाने वाले फसल चक्र इस प्रकार से हैं

पश्चिमी क्षेत्र के लिए फसल चक्र
चारा- लाही – गन्ना -पेडी+ लोबिया (चारा)- गेहूं, धान- बरसीम-गन्ना-पेडी+ लोबिया (चारा) धान-गेहूं-गन्ना-पेडी-गेहूं-मूंग

मध्य क्षेत्र के लिए फसल चक्र
धान-राई-गन्ना पेडी-गेहूं हरी खाद- आलू-गन्ना- पेडी- गेहूं चारा- लाही-गन्ना- पेडी+लोबिया (चारा)। पूर्वी क्षेत्र के लिए फसल चक्र
धान-लाही-गन्ना- पेड़ी-गेहूं, धान- गन्ना- पेडी- गेहूं, धान- गेहूं- गन्ना- पेड़ी+लोबिया (चारा)

यदि आपकी गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग का प्रकोप नहीं हो, इसके लिए आपको इस रोग संबंध जानकारी होनी जरूरी ताकि आप शुरुआत से ही इस रोग से गन्ने की फसल को बचाने के उपाय कर सकें। गन्ने की फसल को इस रोग से बचाने के लिए यह उपाय किए जा सकते हैं।

किसान जैव फंफूदी नाशक से भूमि का उपचार करें।
बुवाई के लिए स्वस्थ बीज का चयन करें।
गन्ने की बुवाई के लिए इसकी रोग रोधी प्रजातियों जैसे कोल-15023, कोलख-14201, कोसा- 13235, को-118 आदि गन्ने की किस्मों चयन करें।
गन्ने के टुकड़ों को फंफूदी नाशक दवा से उपचारित करने के बाद ही बुवाई करें।
रोगी खेत का पानी स्वस्थ खेत में नहीं आने दें।
गन्ने की लाइनों पर मिट्‌टी चढ़ाएं।

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