पशुओं में तेजी से फैल रहे लंपी वायरस को पश्चिमी यूपी में ही नियंत्रित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए पीलीभीत से इटावा तक करीब तीन सौ किलोमीटर लंबी इम्यून बेल्ट बनाई जाएगी। मलयेशिया की तर्ज पर बनने वाली यह बेल्ट पांच जिलों के 23 ब्लॉकों से होकर गुजरेगी। पशुपालन विभाग ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
पशुपालन विभाग की ओर से वैक्सीनेशन के जरिए इम्यून बेल्ट बनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस पूरी बेल्ट में पशुओं में शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा। इस अभियान की निगरानी के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है। अभियान में जुटने वाले दल के सदस्य लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं की उपचार और निगरानी का जिम्मा संभालेगी।
संक्रमित पशुओं की कड़ी निगरानी रखने के साथ ही इन्हें इम्यून बेल्ट के भीतर ही रोकने की व्यवस्था होगी। दरअसल पशुओं के संक्रमण को रोकने के लिए ऐसा प्रयास वर्ष 2020 में मलेशिया में किया जा चुका है, जिसके परिणाम काफी सकारात्मक आए थे।
यूपी के 23 जिले लंपी वायरस से प्रभावित हैं। इनमें अलीगढ, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं मथुरा, बुलंदशहर, बागपत, हापुड, मेरठ, शामली और बिजनौर में भी वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। लंपी वायरस के कारण अब तक प्रदेश के 2,331 गांवों के 21,619 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 199 की मौत हो चुकी है जबकि 9,834 स्वस्थ हो गए हैं। संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है। अब तक 5,83,600 गोवंश का टीकाकरण हो चुका है।
प्रदेश में लंपी वायरस के ज्यादातर मामले पश्चिमी जिलों में ही सामने आए हैं। इसे देखते हुए सरकार पीलीभीत से लेकर इटावा तक लगभग 300 किलोमीटर की दूरी को 10 किलोमीटर चौड़े इम्युन बेल्ट से कवर करने का प्लान तैयार कर लिया है। विशेष सचिव देवेंद्र पांडे ने बताया कि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के सामने पशुपालन विभाग ने इसके मास्टर प्लान का प्रजेंटेशन रखा जिसे सरकार की ओर से सहमति मिल गई है। यह बेल्ट एक तरह से बार्डर का काम करेगी और लंपी वायरस इसे पार कर पश्चिमी यूपी से पूर्वी यूपी की तरफ नहीं जा सकेगा।
इन विकास खंडों से होकर गुजरेगी इम्यून बेल्ट
इम्यून बेल्ट पीलीभीत जिले के बीसलपुर, बरखेड़ा, ललोरीखेड़ा, मरोरी और अमरिया विकास खंड से होते हुए शाहजहांपुर जिले के खुदागंज, निगोही, सिधौली, भावल खेड़ा, कांट, जलालाबाद और मिर्जापुर विकास खंड के रास्ते फर्रुखाबाद जिले के कायमगंज, शमसाबाद और राजेपुर विकासखंड होते हुए मैनपुरी जिले के कुरावली, सुल्तानगंज और घिरौर विकास खंड तथा इटावा के बढ़पुरा, जसवंतनगर, सैफई, बसरेहर और ताखा विकासखंड तक जाएगी।
यूपी में टीकों की कमी नहीं है
पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के मुताबिक प्रदेश के 9 मंडलों में लंपी वायरस को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। वायरस के प्रसार को देखते हुए सितंबर का महीना काफी संवेदनशील माना जा रहा है। विभाग के पास टीकों की कोई कमी नहीं है और 32 लाख से भी ज्यादा टीके प्राप्त हो चुके हैं। अभी दो लाख टीके प्रतिदिन लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिसे जल्द ही तीन लाख टीके प्रतिदिन करने की योजना है।
लंपी वायरस पशुओं में पाया जाने वाला एक खतरनाक वायरस है। यह मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों और कीटों द्वारा एक पशु के शरीर से दूसरे पशु के शरीर तक यात्रा करता है। लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आने के साथ ही उनकी भूख कम हो जाती है। इसके अलावा चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें बन जाती हैं। साथ ही पैरों में सूजन, लंगड़ापन और नर पशु में काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है। कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है।