उत्तर प्रदेश के बरेली महानगर में बी एल एग्रो सरसों का तेल उत्पादन करने वाली प्रमुख कंपनी है। इस कंपनी का बैल कोल्हू ब्रांड सरसों तेल है। अपने विस्तार क्रम में यह कंपनी अब तेलंगाना में अपनी नई ईकाई स्थापित करके पापड़, पास्ता और आटा बनाकर बाजार में उतरेगी।
बरेली की बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज, तेलंगाना में 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। खास बात यह है कि प्रदेश में इकाई स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री अनुमुला रेवंत रेड्डी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे. अब जल्द ही जमीन पर काम भी शुरू हो जाएगा।
बीएल एग्रो के प्रबंध निदेशक आशीष खंडेलवाल का कहना है कि एमओयू के तहत, कंपनी की योजना तेलंगाना में 500 करोड़ रुपये का निवेश करने और 5,000 लोगों को रोजगार देने की है। यह कंपनी तेलंगाना में ‘नॉरिश’ ब्रांड के तहत कई उत्पादों का प्रोडक्शन करेगी, जिसमें गेहूं का आटा, पास्ता, सेंवई, मसाले और पापड़ शामिल हैं। इसके अलावा यह यह चावल की भूसी और बिनौला तेल का भी उत्पादन करेगी।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि तेलंगाना सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना और देश के दक्षिणी हिस्से में अपनी कंपनी का विस्तार करना हमारे लिए गौरव का क्षण है. वहीं, कहा जा रहा है कि बीएल एग्रो ग्रुपकी एग्रीटेक शाखा, नोएडा स्थित लीड्स कनेक्ट के साथ अपनी पहल ‘खेत से किचन तक’ के तहत राज्य में एक कृषि मूल्य श्रृंखला भी बनाएगी। इसके लिए वह किसानों और कृषि व्यवसायों का समर्थन करती है। साथ ही उत्पादकता में सुधार करने में मदद करती है, ताकि कि किसानों की इनकम बढ़ाई जा सके।
भारतीय होममेड पापड़ उद्योग 10% सीएजीआर के साथ लगभग 1000 करोड़ रुपये का है और अगले दशक में कम से कम 1500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। इसी क्रम में भारत में बिनौला के तेल का उत्पादन 6.35 प्रतिशत बढ़कर 2008-09 में 13.4 लाख टन हो गया, जबकि पिछले साल का कुल उत्पादन 12.6 लाख टन था। कपास के उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी जारी है, इसी अनुपात में पिछले तीन साल से बिनौला तेल का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है।