हिन्दी पट्टी में पहली बार कृषि बजट पेश करने वाली अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के किसानों को कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने साल 2019 में राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति बनाई थी। इस नीति के तहत अनुदान लेकर राज्य के किसान कृषि प्रसंस्करण उद्योग, कोल्ड स्टोरेज, पैकहाउस औऱ मिल्क चिलिंग प्लांट खोल रहे हैं।
अब तक प्रदेश में 1103 इकाइयों के लिए 399 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है।सरकार का कहना है कि इस नीति से न केवल उनके कृषि उत्पादों को नया बाजार मिला है, बल्कि उनकी आय में भी इजाफा हो रहा है। नीति के तहत किसानों को राज्य में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए 2.60 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस नीति से प्रदेश में अब तक कुल 2589 करोड़ 21 लाख रुपये का निवेश हुआ है।
शासन सचिव डॉ पृथ्वी ने बताया कि नीति के तहत अब तक 1103 यूनिट शुरू की गई हैं। इसके लिए 399 करोड़ 87 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है। इन इकाइयों के माध्यम से राज्य में 2589. 21 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। कुल इकाईयों में से 280 यूनिट्स के लिए महिलाओं को 103.28 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है।
इसी तरह 260 इकाइयां कृषक वर्ग के लोगों ने शुरू की हैं। इसमें 85.13 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। इस नीति के तहत ब्याज, परिवहन, विद्युत औऱ सौर ऊर्जा संयंत्र पर 87 प्रसंस्करण इकाइयों को 4.26 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
अब तक स्थापित1103 इकाईयों में से 341 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं। इनमें 330 वेयरहाउस, नौ कोल्ड स्टोरेज और दो पैक हाउस शामिल हैं। साथ ही 762 प्रोसेसिंग यूनिट इकाई भी शुरू हुई हैं। जिनमें से तिलहन प्रोसेसिंग की 169 यूनिट्स, दाल की 76, मसालों की 70, कपास की 66, मूंगफली की 60, अनाज की 52, ग्रेडिंग सोर्टिंग की 33, फल- सब्जी की 32, पशु आहार की 30, दुग्ध प्रसंस्करण की 69, ग्वार की 15, प्याज-लहसुन की 7, चावल की 11 और 72 अन्य प्रोसेसिंग यूनिट शुरू हुई हैं।PHOTO CREDIT – pexels.com , PHOTO CREDIT – pixabay.com ,PHOTO CREDIT – google.com ,PHOTO CREDIT – https://twitter.com/