देश का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है- उत्तर प्रदेश | इसके बाद अब सरकार ने डेयरी प्रोडक्ट की पहुंच विश्व बाजार तक ले जाने के लिए इनकी ब्रांडिंग को प्रोत्साहित करने की पहल की है | इसके लिए सीएम योगी ने ”यूपी दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2022” में मिल्क प्रोडक्ट को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए डेयरी किसानों एवं उद्यमियों को सब्सिडी देने के साथ कई तरह की अन्य रियायतें भी देने का निर्णय लिया है |
इस नीति के तहत डेयरी प्रोडक्ट की ब्रांडिंग के लिए डेयरी उत्पादकों को 3 साल तक 20 लाख रुपये सालाना देने का फैसला किया है | इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 40 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिए जाएंगे | साथ ही तमाम देशों में दुग्ध उत्पादों का नमूना भेजने के लिए कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा | इतना ही नहीं, डेयरी उत्पादों के मानकीकरण के लिए 5 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा |
नई दुग्ध नीति-2022 में डेयरी प्रोडक्ट के मानकीकरण को प्रोत्साहित करने के साथ प्रोडक्ट के पेटेंट और डिजायनिंग पर 5 लाख रुपये का अनुदान देने का प्रावधान किया है |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई नीति में नये मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट को बढ़ावा देने के लिए इसे लगाने वाले किसान या उद्यमियों को 10 वर्षों तक बिजली के बिल में एकमुश्त छूट देने का भी ऐलान किया है | इतना ही नहीं, इस नीति के तहत नया मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए जमीन खरीदने या लीज पर जमीन लेने पर स्टाम्प शुल्क में भी सरकार द्वारा छूट देने का प्रावधान है |
डेयरी-उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सड़क मार्ग से लेकर एयरपोर्ट एवं बंदरगाह तक के परिवहन व्यय पर योगी-सरकार 25 प्रतिशत और अधिकतम 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दे रही है | इसी तरह डेयरी प्रोडक्ट के निर्यात प्रोत्साहन के लिए 40 लाख रुपये की सहायता राशि भी देने की पहल की है. यह राशि जलयान या फिर वायुयान के माध्यम से डेयरी प्रोडक्ट का निर्यात करने पर दी जाएगी |