काला अमरूद, जिसमें मौजूद औषधीय गुण सेहत के लिये लाभकारी तो हैं ही, साथ किसानों को भी कम समय में अच्छा मुनाफा दिलवा सकते हैं| अपनी विशेषताओं के कारण पिछले दिनों ये किस्म काफी लोकप्रिय हुई है| किसान चाहें को कम लागत में इसकी खेती करके अच्छी आमदनी कमा सकते हैं|
साधारण अमरूद के मुकाबले काले अमरूद में औषधीय गुण, जरूरी पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षता बढ़ाकर बीमारियों के खिलाफ एक ढ़ाल का काम करते हैं| इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये बुढापे के लक्षणों को रोकने में मददगार है| इस काम के लिये काले अमरूद में एंटी एजिंग गुण भी मौजूद है|
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान (शोध) के सह निदेशक डॉ. फिजा अहमद ने बताया कि बीएयू में पहली बार इसका फलन शुरू हुआ है। यहां की मिट्टी व वातावरण इस फल के लिए उपयुक्त है। दो साल में यह फल देने लगता है। अब इसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, ताकि यह बाजार में बिक सके। उन्होंने बताया कि भविष्य में हरे अमरूद की तुलना में इसका कर्मिशयल वैल्यू 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगा। आमतौर पर अमरूद 30 रुपये से 60 रुपये किलो तक बिकता है।
काला अमरूद बुढ़ापा को रोकने में सहायक निदेशक ने बताया कि काला अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है जो बुढ़ापा आने से रोकता है। इसे खाने से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
आकर्षक पत्तियों के कारण घर की बनेगा शान
उन्होंने बताया कि इस अमरूद का पत्ता हरे पत्ते की तुलना में अलग है। इसमें काला अमरूद फलने से घर की बगिया की खूबसूरती भी बढ़ेगी। इसलिए भविष्य में इस पौधे की डिमांड बढ़ेगी और किसान बढ़-चढ़कर अपने बागीचे में इसे लगाएंगे।
काला अमरूद की खेती के लिए आगे आ रहे किसान
काला अमरूद की खेती के लिए यहां के किसान काफी उत्सुक हैं और वह बीएयू से संपर्क में है।