राजस्थान सरकार गौशालाओं को गोवंश के रख-रखाव के लिए एक वर्ष में 180 दिन तक सहायता राशि देती है | यह राशि 90–90 दिवस के दो चरणों में दिये जाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में की गई घोषणा अनुरूप अब वर्ष में 6 की जगह 9 माह गौशालाओं को सरकारी अनुदान दिया जायेगा। जिसमें बड़े गोवंश हेतु 40 रुपए तथा छोटे गोवंश हेतु 20 रुपए प्रतिदिन प्रति गोवंश की दर से अनुदान दिया जाने का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान सरकार गौशालाओं को गोवंश के रख-रखाव के लिए एक वर्ष में 180 दिन तक सहायता राशि देती है | यह राशि 90–90 दिवस के दो चरणों में दिये जाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल ही में की गई घोषणा अनुरूप अब वर्ष में 6 की जगह 9 माह गौशालाओं को सरकारी अनुदान दिया जायेगा। जिसमें बड़े गोवंश हेतु 40 रुपए तथा छोटे गोवंश हेतु 20 रुपए प्रतिदिन प्रति गोवंश की दर से अनुदान दिया जाने का प्रावधान किया गया है।
राज्य का गोपालन विभाग प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में नंदी गोशालाएं खोलने जा रही है। राजस्थान में 11 हजार 341 ग्राम पंचायत है। जबकि 352 पंचायत समितियां है। उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने सत्ता में आने के एक साल बाद ही प्रदेश को आवारा पशुओं से मुक्त बनाने के लिए नंदी आश्रय बनाने की घोषणा की थी।
राजस्थान देश का ऎसा पहला प्रदेश है जहाँ गोपालन विभाग के माध्यम से प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशालाए स्थापित कर आवारा गौवंश के सुरक्षा एवं संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है। पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशालाए स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य आवारा गो-वंश का भरण-पोषण करने के साथ उनका संरक्षण भी करना है।