किसान फसलों में लगने वाले अलग-अलग कीटों के लिए अलग-अलग कीट नाशकों का प्रयोग करते हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने सभी अनुशंसित जैविक कीट नाशकों पर अनुदान देने का फैसला लिया है। राज्य सरकार किसानों को ट्राइकोडर्मा, एनएसकेई, अजाडिरेक्टिन, बिउवेरिया बासिना, मेटाहरजिसम, वर्टीसीलम, एन.पी.वी., फेरेमौन ट्रेप, ट्राईकोकार्ड्स आदि बायो पेस्टीसाइट अनुमोदित दर पर उपलब्ध होंगे।
राजस्थान-सरकार की इस योजना से नकली कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों व दुकानदारों पर बहुत हद तक रोक लगेगी | सरकार के इस कदम से किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी | कीटों से फसलों को बचाने के लिए किसानों को बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है|
कृषि विभाग के आयुक्त कानाराम ने बताया कि अनुदान पर बायो पेस्टीसाइट किट वितरण में कम से कम 50 प्रतिशत लघु अथवा सीमांत कृषकों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है| इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला कृषक, बीपीएल, अंत्योदय अथवा खाद्य सुरक्षा परिवारों के कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी|
कृषि आयुक्त ने बताया कि कृषकों को बायो पेस्टीसाइट किट की खरीद पर 90 प्रतिशत अथवा अधिकतम 900 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा| किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि देनी होगी| उन्होंने बताया कि इसके लिए 9 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है|किसानों को ट्राइकोडर्मा, एनएसकेई, अजाडिरेक्टिन, बिउवेरिया बासिना, मेटाहरजिसम, वर्टीसीलम, एन.पी.वी., फेरेमौन ट्रेप, ट्राईकोकार्ड्स आदि बायो पेस्टीसाइट अनुमोदित दर पर उपलब्ध होगी|
कृषि आयुक्त ने बताया कि किसानों को बायो पेस्टिसाइड किट की खरीद पर 90 प्रतिशत या फिर अधिकतम 900 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी| किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि देनी होगी| इसके लिए सरकार ने फिलहाल 9 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है| किसानों को ट्राइकोडर्मा, एनएसकेई, अजाडिरेक्टिन, बिउवेरिया बासिना, मेटाहरजिसम, वर्टीसीलम, एनपीवी, फेरेमौन ट्रेप, ट्राईकोकार्ड्स आदि बायो पेस्टिसाइड सस्ते रेट पर उपलब्ध करवाई जाएगी| इन दिनों कई राज्यों में केंद्र सरकार की पहल पर प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन राजस्थान सरकार जैविक पर फोकस कर रही है|