रोहतक के वीटा मिल्क प्लांट से सेना से लेकर मिड डे मिल व आंगनवाड़ी योजना व खेल योजनाओं के तहत बच्चों व खिलाड़ियों को दूध की आपूर्ति होती है। रोहतक के वीटा मिल्क प्लांट की वर्तमान में उत्पादन क्षमता 4.5 लाख लीटर प्रतिदिन है। यह प्लांट एफसीएम, टोंड दूध, डबल टोंड दूध की आपूर्ति दुग्ध संयंत्र के कार्य क्षेत्र में आने वाले सभी शहरों में कर रहा है। वहीं, मलेशिया, इंडोनेशिया जैसे कई देशों में तरल दूध निर्यात किया जा रहा है।
प्लांट से हिन्दुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड सोनीपत के माध्यम से इंडोनेशिया, मलेशिया आदि देशों में तरल दूध का निर्यात कर रहा है। दूध व दूध उत्पादों की गुणवत्ता के लिए इस संयंत्र को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद की तरफ से गुणवत्ता चिह्न भी प्रदान किया गया है। दुग्ध उत्पादको से प्राप्त दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समितियों में 106 से अधिक बल्क दूध यूनिटें स्थापित की गई है।
दुग्ध संघ रोहतक अपने दुग्ध उत्पादकों के लिए दुर्घटना बीमा, कन्यादान राशि, छात्रवृति योजना आदि भी क्रियान्वित कर रहा है। दुग्ध उत्पादकों को मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है।
गतवर्ष 2020-2021 के दौरान योजना के तहत 7.76 करोड़ और 2021-22 में 6.23 करोड़ रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी गई है। सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने हरियाणा डेयरी विकास सहकारिता निगम के चेयरमैन रणधीर सिंह तथा प्रबंध निदेशक ए श्रीनिवास के साथ प्लांट का निरीक्षण किया। इस दौरान दूध से बनने वाले उत्पादों की प्रक्रिया का अवलोकन किया। सहकारिता मंत्री ने प्लांट की पैकेजिंग व्यवस्था, क्रेट वाशिंग, बोटल में दूध की पैकिंग, घी पैकिंग का भी अवलोकन किया।
रोहतक वीटा मिल्क प्लांट भी ब्रांडेड कंपनियों को टक्कर देते हुए नजर आएगा। इस माह के अंत में रोहतक वीटा मिल्क प्लांट हरियाणा को छह फ्लेवर वाला मीठा दूध पिलाएगा। हर रोज करीब दस हजार लीटर मीठा दूध यहां तैयार होगा। करीब सवा दो करोड़ की लागत से प्लांट की नई मशीनें लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। गुजरात से मशीनें मंगाई गई हैं।
दूध के अतिरिक्त यह संयंत्र वीटा घी, वीटा मक्खन, दही, नमकीन लस्सी, छाछ, पनीर व बर्फी इत्यादि का निर्माण कर ग्राहकों को आपूर्ति कर रहा है। यह संयंत्र भारतीय सेना को वीटा घी व दूध की आपूर्ति भी कर रहा है। मिड-डे-मिड मिल, आंगनवाडी योजना व खेल योजनाओं के तहत बच्चों व खिलाड़ियों की दूध की मांग को पूरा करने के लिए प्रसंघ द्वारा सुगंधित मीठे दूध पाउडर की आपूर्ति भी की जा रही है। प्लांट में चार करोड़ रुपये की लागत से एक नया एसएफएसएमपी संयंत्र की स्थापना का भी लक्ष्य रखा गया है।