कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के सत्यन मोकेरी को 4.1 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की
प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा उपचुनाव को 6,22,338 वोट मिले जो इस वर्ष अप्रैल में लोकसभा चुनाव में वायनाड में उनके भाई राहुल गांधी को मिले 6,47,445 मतों से कम हैं। हालांकि वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कम मतदान होने के बावजूद प्रियंका गांधी की जीत का अंतर 4,10,931 रहा जो कि राहुल गांधी की 3,64,422 मतों के अंतर से अधिक है। मोकेरी को 2,11,407 वोट मिले। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की नव्या हरिदास 1,09,939 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
केरल के वायनाड से उनके निर्वाचन के बाद यह पहली बार है कि संसद में गांधी-नेहरू परिवार तीन सदस्य होंगे। उनके भाई राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और मां सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य हैं। अपनी दादी इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के बाद वह भी संसद में दक्षिण भारत के किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि कभी 17 साल की उम्र में अपने पिता राजीव गांधी के साथ चुनावी प्रचार में शामिल होने और कई मौकों पर संसद में दर्शक दीर्घा से अपने पिता, मां और भाई के भाषणों की साक्षी बनीं प्रियंका गांधी शनिवार को लोकसभा के लिए निर्वाचित हो गईं।
यह पहली बार है कि संसद में गांधी-नेहरू परिवार तीन सदस्य होंगे। उनके भाई राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और मां सोनिया गांधी राज्यसभा की सदस्य हैं। अपनी दादी इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के बाद वह भी संसद में दक्षिण भारत के किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।
गौरतलब है कि वायनाड अनुसूचित जनजातियों की सबसे बड़ी आबादी के आवास के लिए जाना जाता है और आम चुनावों के दौरान यह चर्चा का विषय बन जाता है। यह निर्वाचन क्षेत्र अपनी काली मिर्च और कॉफी की खेती के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यह कर्नाटक और तमिलनाडु के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। कुल 13,25,788 मतदाताओं के साथ, 2019 का चुनाव एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें कांग्रेस के राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की।