उत्तर प्रदेश में फर्रखाबाद के बाद हापुड़ में आलू की पैदावार होती है। आलू उत्पादन में तीसरे स्थान पर अमरोहा जिला है। हापुड़ और अमरोहा जिले अगल-बगल हैं। अब हापुड़ के बाबूगढ़ इलाके में टिश्यू कल्चर पद्धति से आलू का उन्नत बीज तैयार किया जायेगा। इसका लाभ सूबे के आलू उत्पादकों को मिलेगा। हापुड़ के बाबूगढ़ में सेना की छावनी है और दुर्गम इलाकों में सेना के मददगार खच्चर तैयार किये जाने की व्यवस्था है।
मिली जानकारी अनुसार बाबूगढ़ के आलू अनुसंधान केंद्र में जल्द ही प्रदेश का पहला आलू उत्कृष्टता केंद्र स्थापित होगा। जानकारी के मुताबिक 8 करोड़ की कीमत से आधुनिक लैब तैयार की जा रही है। जिसका किसानों को पूरा लाभ मिलेगा और उन्हें बीज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं होगा।
इस लैब के बन जाने से किसानों को कम समय में अधिक बीज और सस्ते दामों में मिल सकेगा। आलू उत्कृष्टता केंद्र पर बनी टिशू लैब में बेहद डिमांड वाले आलू की प्रजातियों का 15 ग्राम का ब्रीड लाया जाएगा। ट्यूबर विधि से इसका टिशू लेकर ट्रांसप्लांट कराया जाएगा। इसके बाद इसे जी-शून्य, जी-1, जी-2 स्टेप से निकालते हुए जी-3 स्तर पर ले जाया जाएगा।
यह लैब इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जाएगी। इस लैब में उत्पादित आलू रोग रहित और उच्च क्वालिटी का होगा। जिले के बाबूगढ़ क्षेत्र में तैयार हो रही आलू बीज उत्पादन की टिशू लैब अब किसानों के लिए वरदान साबित होने जा रही है।
गौरतलब है कि अभी तक अभी तक यहां परंपरागत तरीके से आलू का बीज तैयार करके किसानों को दिया जाता था। यह बीज (सीपीआरआई) केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र शिमला द्वारा उपलब्ध कराया जाता था। अब इस लैब के तैयार होने से यहां उच्च गुणवत्ता का बीज रोग रहित होगा, जिससे फसलों में भी बीमार कम लगेगी और किसानों का कीटनाशकों पर खर्च कम हो जाएगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि अमरोहा में आम व सब्जियों के अधिक उत्पादन को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ- सरकार ने आधुनिक पैकिंग हाउस बनाया है। इसी वजह से अमरोहा के किसानों के फल व कृषि उत्पाद दूर के देशों में भेजें जा रहें हैं।