आयुर्वेद के चिकित्सकों के मुताबिक जामुन एक ऐसा फल है जिसकी गुठली से लेकर उसके पत्ते तक ब्लड शुगर को तेजी से कंट्रोल करते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन का पत्ता काफी उच्च फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में जामुन के पत्ते से कई औषधियां बनाई जाती हैं। जामुन के पत्ते से निकलने वाले रस में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बढ़ते ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
हर मौसम में जामुन के पत्तों में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, एंटीहाइपरलिपिडेमिक और एंटीऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं जिससे ब्लड शुगर,ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक शुगर कंट्रोल करने के लिए सुबह सबसे पहले जामुन की चार से पांच पत्तियां पीसकर पी लें इससे शुगर काबू में आ जाए। शुगर कंट्रोल होने के बाद इनका सेवन करना बंद कर दें।
भारत के मैदानी इलाकों में जामुन के पेड़ आसानी से लगे मिलते हैं। जगह होने पर जामुन के पेड़ों को घर में भी उगाया जा सकता है। गर्मियों में जामुन के फल भी कई लोगों का उपचार हैं।
जामुन की तरह जामुन के पत्ते भी तेजी से इंसुलिन का निर्माण करते हैं और तेजी से शुगर को कंट्रोल करते हैं।शुगर के मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर जामुन के पत्तों का सेवन कर सकते हैं।
गठिया रोग में जामुन की जड़ का प्रयोग किया जाता है। गठिया रोग में जामुन की जड़ को उबालकर इसे पीसना पड़ता है और इससे गठिया वाले स्थान पर लगाना पड़ता है, जिससे गठिया में आराम मिलता है।