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गुजरात के 170 स्थानीय निकायों से निकलने वाले कूड़े से 100 मेगावॉट बिजली उत्पादन

पर्यावरण संरक्षण के लिए वेस्ट टू एनर्जी टेक्नोलॉजी को गति देने के लिए राज्य सरकार ने सोलिड वेस्ट (एमएसडबल्यू) के रिन्युएबल एनर्जी स्रोत के संभावित उपयोग को ध्यान में रखते हुए वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी लागू की है। गुजरात में आठ महानगरपालिका और 162 नगरपालिका समेत 170 शहरी स्थानीय निकाय हैं। इन शहरी निकायों से निकलने वाले ठोस कूड़े से करीब 100 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करने की गुजरात के पास क्षमता है।

गुजरात के शहरी विकास एवं शहर गृह विभाग के प्रधान सचिव अश्विनी कुमार के तहत सॉलिड वेस्ट से एनर्जी बनाने की नीति के तहत और बेहतर कार्य करने के लिए वाइब्रेंट गुजरात समिट में सर्कुलर इकोनॉमी विषय पर होने वाले सेमिनार में इस पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा शहरों से निकलने वाले प्रदूषित जल को ट्रीट करते हुए उसके भी उपयोग को कैसे बेहतर ढंग से कर सकते हैं उस पर चर्चा होगी।

वर्ष 2070 तक नेट शून्य तक पहुंचने के लिए भारत सरकार के दीर्घकालीन लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में यह पहला कदम है। ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने, टिकाऊ ऊर्जा सुरक्षित करने और कार्बन उत्सर्जन घटाने की जरूरत के चलते मौजूदा समय में विश्व चुनौतियों का सामना कर रहा है। वेस्ट टू एनर्जी तकनीक के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के कूड़े की निकासी को लेकर राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसके चलते ही मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी लागू की है।

गुजरात सरकार ने वेस्ट टू एनर्जी नीति को लागू किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं। अहमदाबाद शहर में पीराणा के निकट कूड़े का ढेर बड़ी समस्या थी। राज्य सरकार ने वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग कर पीराणा के कूड़े के ढेर को हटाना प्रारंभ किया। पीराणा डम्प साइट पर ठोस कूड़े का प्रमाण करीब 125 लाख मीट्रिक से ज्यादा है। साठ एकड जमीन पर नारोल-विशाल हाइवे से सटे दो कूड़े के बड़े ढेर हैं, जिसमें एक नारोल-सरखेज की ओर से अजमेरी डम्प और दूसरा एक्सेल प्रोसेसिंग प्लान्ट के पीछे ऊंचा ढेर हैं।

पीराणा डम्प साइड की कायापलट के लक्ष्य के साथ वर्ष 2019 जनवरी से इस पायलट प्रोजेक्ट को बायो माइनिंग के तौर पर प्रारंभ किया गया। इस प्रोजेक्ट के तहत पीराणा पर 300 मीट्रिक टन के साठ ट्रोमेल मशीन, 1000 मीट्रिक टन के 10 ऑटोमेटेड सेग्रीगेशन मोबाइल ट्रोमेल मशीन हैं। इस प्रोजेक्ट में मौजूदा समय में हररोज 35000-4000 मीट्रिक टन लिगसी वेस्ट प्रोसेस की जाती है। इसके चलते अब तक 103 मीट्रिक टन कूड़ा साफ कर 35 एकड जमीन खुली की गई।

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