मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव कांग्रेस सपा के रिश्तों की दिशा तय कर सकता है। इस चुनाव के नतीजे अगर कांग्रेस की उम्मीदों से जरा भी प्रतिकूल आए तो उसे इसका इसका ठीकरा सपा पर फोड़ने का मौका मिलेगा। यही नहीं इसका असर लोकसभा चुनाव के लिए बने ‘इंडिया’ गठबंधन की संभावनाओं पर भी पड़ सकता है। इससे दोनों दल के रिश्तों में बदलाव आ सकता है।
पिछली बार सपा एक सीट जीती थी।
यही नहीं अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश में जीत हासिल करती है तो उसका पक्ष सही साबित होगा। पर इसके उलट भी संभावना बनती है। पिछली बार सपा एक सीट जीती थी अब यह संख्या बढ़ती है तो सपा भी आत्मविश्वास में दिखेगी। महज छह सीटों को लेकर शुरू हुआ विवाद किस मोड़ पर आगे पहुंचेगा इसका अंदाजा अगले महीने लग जाएगा।
कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश में सपा को कोई बड़ा जनाधार नहीं है। इतनी सीटों पर प्रत्याशी उतारने पर सपा कितना वोट काटेगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। सपा अपने जनाधार वाली सीटों पर पुराने लोगों को टिकट दिया है। सपा का आक्रामक तेवर दिखा सकती है। अखिलेश यादव कांग्रेस और सपा के बीच हालिया विवाद से नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
दोनों दल फिलहाल शांत हो गए हैं, लेकिन नतीजों के आने के बाद यह रिश्ते किस दिशा व दशा में पहुंचेंगे, इसका अंदाजा मौजूदा दिखाए गए तेवर से भी लग सकता है। हालांकि मध्य प्रदेश में बात तो कांग्रेस सपा के बीच दोस्ताना लड़ाई की हो रही है लेकिन जब त्रिकोणीय मुकाबला हुआ तो कई छोटे दल बड़े दलों को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में जरूर होंगे।