हिसार का केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान अहम भूमिका निभा रहा है। 117.34 लाख टन दूध का सालाना उत्पादन कर हरियाणा देश में बडी हिस्सेदारी दूध उत्पादन में दे रहा है। केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान ने एक बयात में 6 हजार लीटर से अधिक लीटर दूध देने वाली भैंसें भी तैयार की हैं। जिसे बढ़ाने को लेकर संस्थान के वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हुए हैंं।
देश से सालाना 221 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है। देश के दूध उत्पादन में हरियाणा व हिसार का केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान भी बड़ी हिस्सेदारी निभा रहा है।https://khalihannews.com/ यहां की मुर्रा नस्ल की भैंस देशभर में प्रसिद्ध है। वर्ष 2001-02 में जहां भैंसे प्रति बयात 1600 लीटर तक दूध देती थी। संस्थान के वैज्ञानिकों ने भ्रूण प्रत्यारोपण, क्लाेनिंग, परखनली उच्च गुणवत्ता के टीके आदि तैयार कर प्रति भैंसों के दूध की उत्पादन की क्षमता 4 हजार से 6 हजार लीटर से अधिक कराने में अहम भूमिका निभाई है।
हरियाणा में बड़े स्तर पर पशुपालन किया जाता है, https://khalihannews.com/ जिसके चलते यहां पर प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन पूरे भारत में पहले नंबर पर है। इससे पहले पंजाब प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन में पहले स्थान पर था, लेकिन 2021 की रिपोर्ट के अनुसार अब हरियाणा पंजाब को पछाड़कर प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन में हरियाणा पहले नंबर पर आ गया है। हरियाणा में प्रति व्यक्ति के लिए राेज औसतन 1344 ग्राम दूध का उत्पादन हाेता है।
वर्ष 1985 में केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान का निर्माण कराया था। तभी से संस्थान ने मुर्राह से लेकर अन्य नस्लों की भैंस क्लोनिंग, भ्रूण प्रत्यारोपण व अन्य विधि से तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई है। संस्थान में अभी 100 से अधिक उच्च नस्ल की भैंसे हैं जो एक बयात में 4000 से 6 हजार लीटर या उससे अधिक दूध दे रही है। किसानों को भी संस्थान में भैंस पालन के प्रति नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है।
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