पंजाब-सरकार गन्ना किसानों के भुगतान को रोकने वाली चीनी मिलों के संचालन को अपने हाथ में ले लेगी। सरकार इस साल गन्ने का रकबा बढ़ाकर 2.5 लाख हेक्टेयर करने पर काम कर रही है।
सरकार के इस इरादे को मुख्य मंत्री भगवंत मान ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के किसान मेला मैदान में आयोजित पहली सरकार-किसान बातचीत के दौरान कही | राज्य भर के किसानों के साथ तालमेल बिठाते हुए मुख्यमंत्री श्री मान ने नहर जल नेटवर्क के पुनरुद्धार का आश्वासन दिया। उन्होंने गन्ना किसानों को उनके बकाये का समय पर भुगतान करने का आश्वासन दिया |
सरकार नहर के पानी के अधिकतम उपयोग और भूजल की कमी को दूर करने के लिए खेती को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।उन्होंने कहा कि, किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य भर में सिंचाई नेटवर्क को और मजबूत किया जाएगा। श्री मान ने कहा कि, दूर-दराज के गांवों तक भी पानी पहुंचे इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य निर्णय लेने वालों और हितधारकों के बीच की खाई को कम करने के लिए एक साझा बैठक आयोजित करना था| किसानों की जरूरतों के अनुसार नीतियों को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि, मिलनी(बैठक) ने किसानों को सीधे सरकारी अधिकारियों के साथ अपनी चिंताओं को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया है और पीएयू, गडवासू, कृषि, बागवानी और पशुपालन विशेषज्ञों से उनकी समस्याओं का समाधान भी मांगा है।
अब नीतियां वातानुकूलित (एसी) कार्यालयों में बैठकर नहीं बनाई जाएंगी बल्कि किसानों के साथ गांव में बैठकर बनाई जाएंगी। राज्य सरकार वैकल्पिक फसलों पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने का मामला पहले से ही केंद्र सरकार के समक्ष रख रही है।इस अवसर पर मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, लालजीत सिंह भुल्लर, गुरमीत सिंह मीत, लाल चंद कटारूचक उपस्थित थे।