मध्यप्रदेश में इस समय चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का काम जोर-शोर से चल रहा है। यहां एक किसान एक दिन में अधिकतम 25 क्विंटल चना ही बेच सकता था जिसे अब बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने बताया कि पूर्व में उपार्जन केंद्रों पर चना फसल की प्रतिदिन प्रति किसान उपार्जन सीमा मात्र 25 क्विंटल थी, जिसे अब बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दिया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान अपनी ट्राली में 40 क्विंटल चना लेकर आता था लेकिन 25 क्विंटल की सीमा होने के कारण किसानों को 15 क्विंटल चना वापस ले जाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने दिल्ली में हुई चर्चा में किए गए अनुरोध पर किसानों के हित में निर्णय लेते हुए सीमा को 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अब एक किसान एक दिन में 40 क्विंटल तक चना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेगा। इससे प्रदेश केे किसानों को लाभ होगा।
केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को प्रमुख फसलों की खरीद के लिए लक्ष्य तय किया जाता है। उसी तय किए लक्ष्य के अनुसार राज्यों द्वारा खरीद की जाती है। ये खरीद लक्ष्य से अधिक भी हो सकती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद के निर्धारित नियमों के अनुसार ये तय किया जाता है कि एक किसान एक दिन में कितने क्विंटल उपज बेच सकता है।
मध्य प्रदेश में इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना की खरीदी का काम 21 मार्च से शुरू हो चुका है। यहां 101 केंद्रों पर पंजीकृत किसान से चने की खरीद की जा रही है।
चना की फसल बेचने के लिए राज्य के करीब सात लाख 43 हजार 487 किसानों ने पंजीयन कराया है। उपज बेचने के लिए एक लाख 34 हजार 962 किसानों को एसएमएस भेजें गए हैं। इनमें से 11 हजार 266 किसानों ने 18 हजार 285 मीट्रिक टन चना न्यूनतम समर्थन मूल्य बेच दिया है। प्रदेश में इस बार 21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चना की बुवाई की गई है।