राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अविश्वास प्रस्ताव पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने पर हमें यह प्रस्ताव लाना पड़ रहा है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया। खड़गे ने सभापति पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया और अविश्वास प्रस्ताव लाने की वजह भी बताई।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उपराष्ट्रपति लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होता है। इस कुर्सी पर कई लोग बैठे और बहुत काम किया। उन्होंने कहा कि इतने लंबे कालखंड में किसी उपराष्ट्रपति के खिलाफ ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया क्योंकि सबने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया। लेकिन आज हमें पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण दुख के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ रहा है। खड़गे ने कहा कि नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने देश के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए कहा कि प्रथम उपराष्ट्रपति ने 1952 में कहा था कि वह किसी भी पार्टी से नहीं हैं। खड़गे ने कहा कि इसका मतलब है कि वह कह रहे हैं कि वे किसी पार्टी से नहीं आते और हर पार्टी से आते हैं जो उनकी निष्पक्षता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमें दुख के साथ ये प्रस्ताव जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाना पड़ रहा है। वह विपक्ष के सदस्यों की हेडमास्टर की तरह स्कूलिंग करने लगते हैं।