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उत्तर प्रदेश : बाढ़ की संभावना को देखते हुए फसलों के बचाव के विस्तृत कार्ययोजना

आसन्न मानसून और मौसम विभाग की ख़बरों के मद्देनजर सूबे में बाढ़ संभावित जिलों में प्रशासन ने बड़ी तैयारी शुरू की है। प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातर लू व हीटवेव का प्रकोप जारी है जिसका असर फसलों पर भी दिख रहा है। ऐसे में, सीएम योगी की मंशा अनुसार इस मौसमी प्रकोप से प्रदेश की फसलों के रक्षण के लिए पहले ही मुख्य सचिव द्वारा क्षेत्रिय कृषि अधिकारियों को एडवायजरी जारी हो चुकी है। इस एडवायजरी को क्रियान्वित करते हुए फसलों की सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह (क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप) की संस्तुतियों के आधार पर इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें धान नर्सरी में पानी निकासी व नमी को सुनिश्चित करने, मल्चिंग तकनीक का प्रयोग करने, स्प्रिंकलर व ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग, नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई, जैविक खाद का प्रयोग, कन्टूर ट्रेंच विधि के प्रयोग समेत भूजल व वर्षा जल संरक्षण जैसी प्रक्रियाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में किसानों को फसल बीमा का लाभ पहुंचाने की विस्तृत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आपदा में किसानों को लाभान्वित करने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ सभी किसानों को मिले इस उद्देश्य से सीएम योगी की मंशा अनुरूप क्रियान्वित की गई योजना के अनुसार सभी जिलों में फसलों को ग्राम पंचायत स्तर पर बीमित करने और किसानों को बीमा कवर उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के जरिए भी किसानों को लाभान्वित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया में बीमित खरीफ फसल के तौर पर केला, मिर्च व पान तथा रबी फसल के तौर पर टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मटर व आम को वरीयता दी गई है। केले के लिए 30 जून, मिर्च के लिए 31 जुलाई, पान के लिए 30 जून, टमाटर के लिए 30 नवम्बर, शिमला मिर्च के लिए 30 नवम्बर, हरी मटर के लिए 30 नवम्बर तथा आम के लिए फसलवार बीमा कराने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर निर्धारित की गई है।

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