लुधियाना के धनांसू में लग रहे टाटा स्टील के प्लांट में स्क्रैप को रिसाइकिल कर स्टील बनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस प्लांट में स्टील बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल नहीं होगा। उत्तरी भारत का यह अपनी किस्म का पहला ग्रीन स्टील प्लांट होगा। इसमें कंपनी के फ्लैगशिप रिटेल ब्रांड टाटा टिसकोन के अंतर्गत स्क्रैप को रिसाइकिल कर स्टील बनाया जाएगा।
पंजाब के मंडी गोबिंदगढ़ और लुधियाना में 200 से अधिक स्टील रोलिंग मिल और मुख्य कलस्टर हैं। राज्य का स्टील और अलॉइस सेक्टर में महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य में वर्धमान स्पेशल स्टीलज, आरती स्टील, हीरो स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील जैसी प्रमुख इकाइयां पहले ही काम कर रही हैं। इस सेक्टर को औद्योगिक व्यापार विकास नीति-2022 में पसंदीदा सेक्टर के तौर पर दर्शाया गया है। टाटा स्टील लिमिटेड का पंजाब के स्टील और अलॉइस सेक्टर में अहम स्थान है। 34 मिलियन टन कच्चे स्टील के सालाना सामर्थ्य के साथ विश्व स्तरीय स्टील कंपनियों में शुमार है।
टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन ने प्लांट स्थापित करने संबंधी मंजूरियां देने के लिए सीएम भगवंत मान का धन्यवाद किया है। उनका कहना है कि यह प्लांट 18 महीने में कार्यशील हो जाएगा। पंजाब ने देश में हरित क्रांति लाने में मुख्य भूमिका निभाई थी और अब यह प्रदूषण रहित स्टील बनाने के क्षेत्र में क्रांति लाएगा।