राजस्थान में कोरोना के दौरान प्रदेश में करीब 72 लाख लोगों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया गया था। इन्दिरा रसोई कार्यक्रम के तहत अब इन्दिरा रसोई कार्यक्रम का विस्तार किया जाएगा। अब गांवों में भी इन्दिरा रसोई लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में सहयोग करेगी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह विश्वास दिलाया कि इस योजना में पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। क्योंकि यह योजना प्रदेश में वंचित तबके के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
अब तक इन्दिरा रसोई कार्यक्रम सूबे के शहरी क्षेत्रों में चलाया जा रहा था। शहरी क्षेत्रों की 992 इन्दिरा रसोइयों से अब तक 13 करोड़ से अधिक थाली परोसी जा चुकी हैं। इन रसोइयों का संचालन प्रदेशभर की 500 से अधिक स्थानीय संस्थाओं की ओर से किया जा रहा है।ये संस्थाएं ‘नो प्रोफिट-नो लॉस’ के आधार पर इन रसोइयों को चला रे हैं। साथ ही योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।
इस योजना के जरिए सरकार की ओर से फिलहाल शहरी इलाकों में सिर्फ आठ रुपये में सुबह-शाम खाना खिलाया जा रहा है। वहीं, सिर्फ पांच रुपये में नाश्ता मिलता है। नई रसोई के लिए राज्य सरकार की ओर से एकमुश्त पांच लाख रुपये और 17 रुपये प्रति थाली की सब्सिडी दी जा रही है।
राजस्थान सरकार प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में एक हजार नई इंदिरा रसोई खोलने जा रही है। गांव में पहली इंदिरा रसोई 10 सितंबर को टोंक जिले के निवाई के पास झिलाय गांव में खोली जाएगी। खास बात यह है कि गांवों में इन रसोइयों के चलाने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं उठाएंगी. सीएम गहलोत ने कहा कि इससे पूरे राजस्थान में 10 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार मिलेगा। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इन्दिरा रसोई योजना के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र आठ रुपए में सम्मानपूर्वक पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा रही है। PHOTO CREDIT – google.com
