वैज्ञानिकों ने चना की नई किस्म विकसित कर ली है| जो पोषण के मामले में कहीं ज्यादा फायदेमंद रहेगी | साथ ही किसानों के लिए मोटी आय का साधन बनेगी| इस नये चना की खेती करके किसानों की आधी से ज्यादा चिन्ता खत्म हो जाएगी, जहां चना की कटाई में कई दिन लग जाते थे | वहीं अब नई किस्म की कटाई हार्वेस्टर से की जा सकेगी |
जवाहर चना-24 का पौधा कम फैलता है और फसल भी 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है | इस किस्म के चना का दाना साधारण किस्मों की तुलना में बड़ा, आकर्षक और कत्थई रंग का होता है |
चना एक प्रमुख दलहनी फसल है, जिसकी खेती रबी सीजन में की जाती है| इसकी खेती उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा बिहार में बड़े पैमाने पर की जाती है| चना की खूबियों के चलते इसे दालों का राजा भी कहते हैं| मध्य प्रदेश चना का प्रमुख उत्पादन राज्य है, जहां अक्टूबर-नवंबर के बीच चना की बुवाई की जाती है| यही से चना की बंपर उपज प्राप्त होती है| इस साल किसानों के लिए चना की खेती करना और भी आसान हो जाएगा|
आमतौर पर चना की लंबाई सिर्फ 45 से 50 सेमी तक ही होती है, लेकिन जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने चना की एक खास किस्म ईजाद की है | ये है जवाहर चना-24, जिसकी कटाई हार्वेस्टर से की जा सकेगी | इस मामले में पौध जनक और आनुवांशिक विभाग की प्रोफेसर एवं अखिल भारतीय चना समन्वित परियोजना जबलपुर की प्रभारी डॉ. अनिता बब्बर ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया कि वो काफी लंबे समय से चने की इस नई किस्म पर काम कर रही हैं. सबसे बड़ी खासियत ये है कि चना की ये किस्म यांत्रिक कटाई के लिए भी अनुकूल है |
अखिल भारतीय चना समन्वित परियोजना जबलपुर ने जवाहर चना 24 को मध्य भारतीय राज्यों के लिए अनुमोदित किया है | अब मध्य प्रदेश के अलावा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका भी जवाहर चना 24 की खेती करके अच्छा उत्पादन ले पाएगा|
ज्यादा लंबाई वाले पौधे बीच में से टूटकर अलग हो जाते हैं | वहीं इस पौध की ऊंचाई करीब 65 सेमी. तक होती है, जिसकी घेटिया पौधे में ऊपर की तरह मौजूद होती है | जवाहर चना 24 का पौधा कम फैलता है | साथ ही ये किस्म 110 से 115 दिनों में पककर तैयार हो जाती है | इस किस्म के चना का दाना साधारण किस्मों की तुलना में बड़ा, आकर्षक और कत्थई रंग का होता है | इसके पौधे का तना भी मोटा, मजबूत और तेज हवाओं के प्रति सहनशील होता है | इतना ही नहीं, ये किस्म सूखा सड़न और उगटा के प्रति भी काफी सहनशील है |