पंजाब के पूर्व खेतीबाड़ी मंत्री रणदीप सिंह नाभा द्वारा पंजाब में खेतीबाड़ी औजारों की सब्सिडी में कथित तौर पर हुए घोटाले संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र के बाद अब ई.डी. ने जहां इस मामले की जांच आरम्भ की है| इसी मामले में खेतीबाड़ी विभाग भी सरकारी सख्ती के बाद हरकत में आ गया है।
गौरतलब है कि 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 के 4 वर्षों के समय दौरान वातावरण की शुद्धता के लिए फसलों की बचत को मशीनों द्वारा आग लगाए बिना जमीनों में ही नष्ट करने के लिए केन्द्र ने 1178 करोड़ रुपए की सब्सिडी मुहैया करवाई थी|
सूत्रों के अनुसार ई.डी. द्वारा जांच जारी है| कृषि विभाग ने भी इस मामले में ब्लाक स्तरीय जांच टीमें बनाकर जांच शुरू की है।
मिली जानकारी के अनुसार किसानों द्वारा खरीद किए गए सब्सिडी वाले औजारों को कम से कम 5 साल तक नहीं बेच सकते हैं। खेतीबाड़ी विभाग द्वारा अन्य पहलुओं के अलावा इस संबंधी भी जांच की जा रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बठिंडा में 34 कृषि मशीनरी बैंक 80 प्रतिशत केंद्रीय सब्सिडी की मदद से स्थापित किए जाने थे, लेकिन कृषि मशीनरी बैंक केवल कागजों पर ही रह गए| पिछली कांग्रेस सरकार समय पर कार्रवाई करने में विफल रही थी और यह घोटाला अगले तीन वर्षों तक जारी रहा|