वीआईपी प्रदेश अध्यक्ष राजा रामबिंद :उत्तर प्रदेश के चुनाव के मद्देनजर तमाम सियासी पार्टियों ने अपनी घोषणा पत्र जारी किया है, हालांकि बीजेपी ने भी आज संकल्प पत्र जारी किया तो वहीं समाजवादी पार्टी ने वचन पत्र जारी किया जिसमें किसानों और युवाओं की बात की पर सत्ता में आती है सरदारी की लड़ाई लड़ रहे विकासशील इंसान पार्टी ने कहा कि यह दोनों ही पार्टियों ने पहले भी 2017 में कुछ ऐसे ही घोषणा की थी पर वह खरे नहीं उतरे थे पर हमारा मुद्दों को लेकर इन दोनों ही पार्टियों से सवाल है क्योंकि आज के समय में शिक्षा, रोजगार और मंगाई की बात कोई नहीं करता है, पर पर हमारी पार्टी बुनियादी मुद्दों को लेकर जनता के बीच में है और उसकी लड़ाई लड़ती है, हालांकि हम बिहार में एनडीए की सरकार में है पर निषादों को लेकर किए वादे पर खरी नहीं उतरी है इसलिए हम ऐलान किया है कि उनकी पार्टी यूपी में 165 सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाएगी और अभी 84 सीटों पर एलान कर चुका हूँ जिसमें 70 फ़ीसदी निषाद समाज को टिकट दिया है,उन्होंने कहाँ की उनकी पार्टी का गठबंधन सिर्फ बिहार में है, उन्होंने कहा- वह भी बिहार में सरकार में सहयोगी है, वही कहा कि यूपी चुनाव लड़ने का मतलब है कि हम यहां पर निषादों की बात करने आए हैं और बीजेपी को एक संदेश देना है क्योंकि यूपी के चुनाव में 70 फ़ीसदी हमारी समाज का प्रभाव रहता है,वीआईपी यूपी में निषाद समाज को आरक्षण दिलाने की लड़ाई लड़ रही है, यूपी में निषादों की आबादी 16 प्रतिशत से अधिक है, इसके बावजूद उन्हें दोयम दर्जे का शिकार होना पड़ता है|
वही निषाद पार्टी के संजय निषाद पर हमलावर होते हुए वीआईपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा संजय निषाद केवल अपने परिवारों की राजनीति करते हैं अगर हालिया सीटों के प्रत्याशी पर गौर करें तो जिसमें दो दलित पांच ब्राह्मण और पाँच ठाकुर दो दलित और एक निषाद सीट दिए वो भी अपने लड़के को दिए है वो अपने परिवार की बात करते हैं पर हमारी वीआईपी पार्टी की 84 सीटों को अगर गौर करेंगे तो हमने 70 फ़ीसदी केवल निषाद समाज को भी है, पर निषाद पार्टी ने समाज को झूठा सपना दिखाकर एक नेता सिर्फ अपने परिवार के हित में ही जुटा हुआ है :- वीआईपी प्रदेश अध्यक्ष राजा रामबिंद वीआईपी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यूपी में भोले-भाले निषादों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है,उन्होंने दावा किया कि वीआइपी का उद्देश्य निषाद जातियों को अनुसूचित जाति के तहत आरक्षण दिलाना है|