शहरी आबादी के बीच गार्डनिंग का शौक बढ़ता जा रहा है| लोग जहां-तहां गमले और पौधे लगाकर हरियाली बढा रहे हैं| कई लोग घरों की बालकनी से लेकर छतों पर पर फूलदार पौधे और सीजनल सब्जियों का गमला तैयार करके अपनी जरूरत और शौक को पूरा कर रहे हैं| कुछ लोगों की शिकायत होती है कि उनके पास गार्डनिंग के लिये खाली जमीन नहीं होती| ऐसे लोग भी आमने-सामने खाली पड़े प्लॉट और यहां तक कि आंगन में बिना खर्चा किये रसोई के लिये ऑर्गेनिक सब्जियों का इंतजाम कर सकते हैं|
खाली प्लॉट या आंगन के गार्डन में कई सब्जियों के पौधे लगा सकते हैं| जैसे- टमाटर, मिर्च, धनिया और करी पत्ता लगाना तो आसान है, लेकिन सब्जियों की वैरायटी के लिये नेट लगाकर बेलवाली सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, खीरा, बीन्स के अलावा पत्तेदार सब्जियां करी, पुदीना, पालक, मेथी के साथ-साथ क्यारियां बनाकर बैंगन, शिमला मिर्च, गोभी, हरी प्याज की फसल भी लगा सकते हैं|
खाली पड़े प्लॉट या बड़ आंगन में सबसे पहले बड़ी क्यारियां और गमले लगायें. आप चाहें तो ग्रो-बैग्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं|
सबसे पहले बाग की मिट्टी के साथ गोबर की खाद, कंपोस्ट, कोकोपीट और कुछ सूखी पत्तियां डालकर मिश्रण बनायें|
इस मिश्रण को गमले, क्यारी या ग्रो बैग्स में भर दें और ऊपर से रेतीली मिट्टी फैलाकर पानी डाल लें|
दो दिन बाद खाद से भरे गमले, क्यारियां और ग्रो बैग्स में खुरपी की मदद से मिट्टी को उलट-पलट लें और सब्जियों के बीज या पौधों को लगा दें|
बीज से पौधे तैयार करने के लिये हमेशा अंकुरित बीजों को ही लगायें, इससे पौधों को निकलने में आसानी रहती है|
गार्डन में सब्जियों के साथ-साथ कीड़े, मच्छरों और प्रदूषण को कम करने के लिये लेमन ग्रास, तुलसी, नीम, स्नेक प्लांट और एलोवेरा जैसे हर्बल पौधे भी लगा सकते हैं|
बेकार पड़े प्लॉट या खाली आंगन में बनायें किचन गार्डन, खर्च के बिना चलता रहेगा रसोई का काम
इस तरह करें देखभाल
किचन गार्डन की देखभाल करना बेहद आसान होता है, सिर्फ कुछ बातों का ध्यान रखकर पूरे घर या खाली पड़े प्लॉट को हरा-भरा और सब्जियों से भरपूर बना सकते हैं|
घर पर ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने के लिये हमेशा नीम से बने कीटनाशक का इस्तेमाल करें| किसी भी प्रकार के कैमिकल को पौधों और सब्जियों से दूर ही रखें|
समय-समय पर गमलों, क्यारियां और ग्रो बैग्स में गोबर का खाद और चाय की बेकार पत्ती भी डाल सकते हैं. इससे पौधों को पोषण मिलता है|
सुबह शाम पौधों कौ हल्का पानी लगाते रहे और कमजोर और बेलदार पौधों को सहारा देने के लिये नाइलॉन की रस्सी, नाइलॉन की जाली या बांस की खपच्चियों का इस्तेमाल करें|
गमलों में पौधे लगाये हैं तो पानी का रिसाव होने दें| इस तरह पौधों को जड़ों तक पोषण पहुंचेगा|
पौधों को कम से कम 6 घंटे की धूप जरूर दिखायें| वहीं तेज धूप होने पर ग्रीन नेट का इस्तेमाल करना चाहिये, जिससे पौधे झुलसते नहीं|
समय-समय पर रसोई से निकले कचरे को मिट्टी के घड़े या बर्तन में डालकर जैविक खाद भी बना सकते हैं|
इस तरह रसोई का कचरा गार्डन में इस्तेमाल होगा और बदले में ताजा ऑर्गेनिक सब्जियां रसोई तक पहुंचेगी|