पंजाब देश का प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य है, लेकिन… जब देश का गेहूं दुनिया में निर्यात किया जा रहा है, उसी दौरान पंजाब के गेहूं उत्पादक किसान कम पैदावार से होने वाली परेशानियों का सामना कर रहे हैं| असल में रबी सीजन की कटाई खत्म हो गई| इस बीच पंजाब के किसानों ने दावा किया है कि प्रति एकड़ उनकी उपज घटकर आधी रह गई है| कई जिलों के किसानों का का कहना है मार्च में हुई बारिश की वजह से उनकी 20 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है और गेहूं के दाने सूख गए हैं|
एक तरफ तो कम उपज होने के चलते राज्य सरकार की तरफ से अभी तक मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया है, वहीं केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं की गुणवत्ता संबंधी मानदंडों पर कोई ढील नहीं दी गई है| इससे किसानों के गेहूं को ठीक दाम नहीं मिल रहे हैं| ऐसे में किसान 500 रुपये प्रतिक्विंंटल का मुआवजा मांग रहे हैं, जिसकी घोषणा ना होने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है|
किसानों को गेहूं उत्पादन की लागत भी नहीं निकलरही है | किसानों का कहना है कि बीते साल 22 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के बीच उपज ली थी, लेकिन इस बार वह आधी फसल भी प्राप्त नहीं कर सकें| इस साल केवल 8 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के बीच उपज निकली है| वहीं अन्य किसानों ने कहा है कि खर्च बचाने के लिए वह कंबाइन मालिकों को आधी फसल भी दे रहे हैं, फिर भी लागत निकालना
बहुत मुश्किल है|
पंजाब सरकार के बीते दिनों बठिंडा में प्रभावित कपास किसानों के साथ बैठक के दौरान किसानों को मुआवजा देने की घाेषणा की थी, लेकिन जिन गेहूं किसानों की फसल सूखे और लू की वजह से खराब हुई थी, उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है|
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है| केंद्र सरकार की एक टीम पहले ही स्थिति का जायजा लेने के लिए सबसे अधिक प्रभावित 15 जिलों का दौरा कर चुकी है| उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के जवाब का इंतजार कर रही है| किसानों को मुआवजा देने की योजना पर काम चल रहा है|