बदलते मौसम और तेज गर्मी को देखते हुए गन्ना उत्पादक किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने बरसात होने तक के लिये सलाह दी है –
सूखे से बचाने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें| इस माह में अगेती चोटीबेधक के नियंत्राण के लिए सिंचाई करते रहें साथ ही सेवीडाल 4:4 जी फोरेट-10 जी कर्टप 25 कि.ग्रा./हेक्टेसर या क्लोरोपायरीपफास 20 ई.सी.लीटर 700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें, जब अंडे एवं पतंगें दिखाई पड़े|
अगेती चोटीबेधक के लिए ट्राइकोकार्ड 4/हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें| फसल की अच्छी बढ़वार कीट नियंत्रण एवं पोषक तत्वों की कमी के लिए यूरिया मैक्रोन्यूट्रीएंट का 2 प्रतिशत घोल एवं कीटनाशक रसायन जैसे एंडोसल्पफान मेटासिड या क्यूनालफास 20 ई.सी का एक प्रतिशत घोल का छिड़काव करें|
यदि बसंतकालीन बुआई के समय खरपतवार नियंत्राण के लिए ऐट्राजीन का प्रयोग किया है तो इस माह 2-4 डी 1कि.ग्रा. सक्रिय तत्व छिड़काव करें|
जून महीने के लिए सलाह दी गयी है-
उर्वरक की शेष मात्रा इस माह अवश्य पूर्ण कर लें|
गुड़ाई पूर्ण करने के पश्चात मिट्टी चढ़ाई का कार्य अवश्य करें|
खरपतवार नियंत्राण के लिए निंदाई करें|
खरपतवार नियंत्रण के लिए 2, 4 डी. 1 किग्रा. सक्रिय तत्व 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें|
जुलाई महीने के आवश्यक कार्य –
गन्ने के जिन खेतों का ब्यात पूरा हो चुका है उनमें मिट्टी चढ़ा दे|
चोटीबेधक की मादा तिल्ली जुलाई में पत्तियों की निचली सतह पर समूह में अंडे देती हैं|
अंडे वाली पत्तियों को नष्ट कर दें तथा कार्बोफ्रयूरान 3 जी. 25 क्विंटल/हेक्टेयर की दर से अवश्य प्रयोग करें|
चोटीबेधक के नियंत्राण के लिए ट्राइकोकार्ड 4/हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें|
गुरदासपुरबेधक के नियंत्रण के लिए सूखे अगोले को काटकर जमीन में दबा दें तथा क्लोरोपायरीपफाॅस 20 ई.सी./लीटर का प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें|
जल निकासी का उचित प्रबंधन करें|
वर्षा के दिनों में पर्याप्त वर्षा न होने पर 8-10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहें|
सूखे से बचने, जल के समुचित उपयोग और बिजली की कमी से निपटने के लिए ड्रिप सिंचाई प्रयोग करें|
सफेद गिडार के नियंत्राण के लिए लाइट ट्रैप या पौधों पर कीटनाशी छिड़काव कर नियंत्राण करें|
शरदकालीन गन्ने को गिरने से बचाने के लिए बंधाई अवश्य करें|