पंजाब में अप्रैल में पेराई सत्र समाप्त हो गया है| किसान अब चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य के जल्दी भुगतान की मांग कर रहे हैं| गन्ना किसान 664.73 करोड़ की बकाया राशि की प्रतीक्षा कर रहे है। प्रदेश में 16 चीनी मिलों ने पेराई में हिस्सा लिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 16 मिलों में से सात निजी हैं और उन पर 343.48 करोड़ रुपये बकाया हैं। सहकारी क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा नौ मिलों का प्रबंधन किया जाता है और किसानों पर 321.31 करोड़ रुपये का बकाया है। पेराई सत्र में 6.4 करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई हुई, जिसमें से 59 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। पिछले सीजन में 1.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती की गई थी।
निजी चीनी मिल से बकाया राशि जारी करने की मांग को लेकर गन्ना उत्पादक संघर्ष समिति के कुछ सदस्यों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के धूरी कार्यालय के पानी की टंकी के ऊपर पिछले तीन दिनों तक विरोध प्रदर्शन कर किया। तीन प्रदर्शनकारियों में से एक की तबीयत बिगड़ने पर उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
समिति के अध्यक्ष हरजीत सिंह बुगरा ने आरोप लगाया की, स्थानीय चीनी मिल द्वारा 14 करोड़ रुपये लंबित हैं, और कृषि विभाग के अधिकारी मिलों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा, अगर अधिकारी बकाया राशि जारी करने में विफल रहते हैं, तो हम संगरूर लोकसभा उपचुनाव में AAP उम्मीदवार का विरोध करेंगे।