भागलपुर, सीतामढ़ी सहित अन्य जिलों के प्रगतिशील किसान इस समय पीला तरबूज की खेती कर रहे हैं। यहां के किसान इसकी खेती कर लाखों रुपए कमा भी रहे है। पीला तरबूज का नाम सुनकर कुछ अजीब लगेगा। लेकिन, इसकी खेती लाल वाले तरबूज के ही तरह होती है. इतना ही नहीं उसका ऊपरी भाग भी हरा होता है। लेकिन, उसका फल काटा जाए तो उसके अंदर लाल नहीं बल्कि पीला रहेगा। इसकी खेती सीतामढ़ी के परसौनी प्रखंड के खिरौधहर गांव में की जा रही है। यहां के किसान ब्रजकिशोर महतो इसकी खेती 6 एकड़ में कर रहे है। पीले तरबूज की डिमांड भी बढ़ गई है. पीला तरबूज के साथ ब्रज किशोर लाल तरबूज की भी खेती करते है।
सीतामढ़ी जिले में किशोर महतो अपने दो अन्य भाईयो के साथ इसकी खेती कर रहे हैं।। किसान ने बताया की 6 एकड़ में इसकी खेती कर रहे है और इस खेती में लागत 50 हजार है। लेकिन, पूरी कमाई एक सीजन में 3 से चार लाख रुपए है। इसके बाद इसपर अन्य फसल उगा लेता है। उन्होंने बताया की उनकी यूपी के एक मित्र से मुलाकात हुई थी, जिसने इसकी खेती का दिमाग दिया और इसका बीज भी उपलब्ध कराया। इतना ही नहीं खेती करने का तरीका भी समझाया। जिसके बाद यह किसान कोलकाता से इसकी बीज मंगाकर पिछले चार साल से इसकी खेती कर रहे है। खुद से नर्सरी तैयार करने के बाद इसकी खेती करते है।
परसौनी खिरोधर गांव के किसान, ऑफ-सीजन में पीले तरबूज की खेती करके मालामाल हो रहे हैं। इस खेती के जरिये उन्हें काफी फायदा मिल रहा है। पीले तरबूज का बाहरी हिस्सा किसी सामान्य तरबूज सा दिखता है और इसमें धारीदार हरा छिलका होता है। पीले तरबूज को काटने पर, अंदर पीला सुनहरे रंग का गूदा मिलेगा। लाल तरबूज की तरह हीपीला तरबूज मीठा, रसदार और अविश्वसनीय रूप से स्वादिष्ट होता है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि पीले तरबूज का स्वाद शहद जैसा मीठा होता है। पीला तरबूज बाजार में उतना आम नहीं है। लेकिन अधिक मुनाफे की उम्मीद में किसान ने धीरे-धीरे पीले तरबूज की खेती शुरू कर दी है।
किसान न केवल आर्थिक सफलता हासिल कर रहे हैं, बल्कि यह खेती लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। लोग अनोखे पीले तरबूजों को देखने और खरीदने के लिए इस गांव में आ रहे हैं। इसके आकर्षक रंग और स्वादिष्ट स्वाद के कारण इसकी मांग अधिक है। इसमें सामान्य तरबूज से ज्यादा मुनाफा होता है। होलसेल रेट 2 हजार प्रति कुंटल बेचा जा रहा है। बाजार में एक किलो पीला तरबूज थोक में 30 रुपये से 40 रुपये में मिलता है, जबकि खुदरा कीमतें 60 रुपये से 70 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच होती है।
एक जानकारी अनुसार पीले रंग का तरबूज आपको तमिलनाडु के थेनी जिले में मिलेगा। थेनी जिले में, गमपम चिन्नामनूर, कुडालुर और जिले के कई अन्य क्षेत्रों में तरबूज की बिक्री होती है। गर्मी आते ही तरबूज बेचने वाले दुकानदार सड़कों के किनारे दुकानें लगा लेते हैं। मार्च महीने से गर्मी बढ़ती जा रही है। इस समय, थेनी जिले में तरबूज और अन्य फलों की बिक्री के बजाय कर्नाटक राज्य से पीले तरबूज की बिक्री अधिक होने लगी है।