tag manger - बुन्देलखण्ड में ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के अंतर्गत 4,000 मेगावाट के सोलर पार्क की हो रही है स्थापना – KhalihanNews
Breaking News
khalihannews

बुन्देलखण्ड में ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के अंतर्गत 4,000 मेगावाट के सोलर पार्क की हो रही है स्थापना

सीएम योगी के मार्गदर्शन में बनाई गई सौर ऊर्जा नीति – 2022 के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र में 4000 मेगावाट क्षमता का सौर पार्क विकसित किया जा रहा है। साथ ही चित्रकूट, बांदा एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के लिए 800 मेगावाट की सौर परियोजना विकसित की जा रही हैं। इसके तहत एटीपीसी ग्रीन ऊर्जा, यूपीनेडा, हिंदुजा, टास्को जैसी कंपनियां बुंदेलखंड के झांसी, जालौन, चित्रकूट, ललितपुर में सौर ऊर्जा के संयत्रों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही ऊर्जा निकासी के लिए चित्रकूट में 400/220 केवी उपकेंद्र एवं पारेषण लाइनों का भी निर्माण हो रहा है। बुंदेलखंड में विकसित हो रहा सौर पार्क देश में सौर ऊर्जा उत्पादन के बड़े केंद्र के तौर पर विकसित हो रहा है, जो आने वाले समय में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से रूपटॉप और फ्लोटिंग सोलर परियोजना का भी तीव्रगति से विकास हो रहा है। जिसके तहत घरों की छतों पर 508 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप परियोजनाएं लगाई जा चुकी हैं। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ यूपी सरकार प्रदेशवासियों को सब्सिडी दे रही है। इसके साथ ही राजभवन लखनऊ तथा गाजीपुर, बलरामपुर, मुजफ्फर नगर, बागपत, सहारनपुर, कानपुर, गाजियाबाद, आगरा, बरेली तथा जौनपुर जिलों के कलेक्ट्रेट भवनों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। सोलर रूफटॉप इंस्टालेशन के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद तीसरे स्थान पर है। ‌ , इसके साथ ही औरया जनपद के दिबियापुर में प्रदेश का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया गया है। इसके साथ ही ललितपुर में 1 गीगावॉट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया जा रहा है। जो कि सीएम योगी की सौर ऊर्जा नीति – 2022 के तहत वर्ष 2026-27 तक 2.15 गीगावाट सोलर पीवी क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिस दिशा में तीव्र गति से कार्य चल रहा है।
उत्तर प्रदेश को ग्रोथ इंजन बनाने के उद्देश्य से सीएम योगी आदित्यनाथ का विशेष जोर प्रदेश में ऊर्जा के संसाधन विकसित करने पर रहा है। जिसमें से विशेष जोर जीवाश्म ईंधन की उपलब्धता में कमी को लेकर भविष्य की नवीकरणीय और अक्षय ऊर्जा के स्रोत विकसित करने पर रहा है। इसी का परिणाम है कि उनके शासन काल के 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने 2017 तक विकसित सौर ऊर्जा उत्पादन से 10 गुना की वृद्धि दर्ज की है। जिसके तहत प्रदेश में अब तक 2,653 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता का विकास किया गया है।साथ ही सीएम योगी के मार्गदर्शन में बनी सौर ऊर्जा नीति – 2022 के अन्तर्गत 05 वर्षों में 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर भी विकसित किया जा रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन के पहले वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश में जहां सौर ऊर्जा क्षेत्र में केवल 288 मेगावाट की परियोजनाएं ही विकसित हुई थीं। तो वहीं दूसरी ओर सीएम योगी के 08 वर्षों के शासन काल में 2,653 मेगावाट की परियोजनाओं का विकास हुआ है। जो कि 2017 से पहले विकसित हुई परियोजनाओं की लगभग 10 गुनी क्षमता की सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में समाप्त हो रहे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा नीति – 2022 का निर्माण किया है। जिसके तहत 05 वर्षों में प्रदेश में 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें बुंदेलखंड में सोलर पार्क के निर्माण के साथ फ्लोटिंग और रूप टॉप सौर संयत्र लगाने की परियोजनाएं शामिल हैं।

About khalihan news

Check Also

आंदोलनकारी 400 किसानों की रिहाई, पंजाब में 31 मार्च को मंत्रियों के घरों को घेरेंगे

पंजाब में बीते दिनों हिरासत में लिए गए करीब 400 किसानों को आज यानी सोमवार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *