पंजाब में किसानों के विरोध पर पुलिस दमन के खिलाफ 28 मार्च 2025 को पूरे भारत के जिलों में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। यह विरोध प्रदर्शन पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार द्वारा किसानों पर की गई बर्बरता और दमन के खिलाफ होगा। भारत- बंद का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने अपनी बैठक में किया।
किसान नेताओं का आरोप है कि बीते दिनों सरकारी प्रतिनिधियों से बातचीत के बाद पंजाब पुलिस ने आंदोलन कर रहे 500 से अधिक किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें जगजीत सिंह डल्लेवाल और श्रवण सिंह पंधेर जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इसके अलावा, खनौरी और शंभू सीमाओं पर आंदोलनकारी किसानों के तंबू और मंचों को बुलडोजर से गिरा दिया गया और उनके ट्रैक्टर ट्रेलरों, ट्रॉलियों और अन्य उपकरणों को जबरन हटा दिया गया।
आरोप है कि इस दमन की शुरुआत 3 और 4 मार्च 2025 को हुई थी। जब पंजाब भर में 800 से अधिक एसकेएम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। इन कार्यकर्ताओं में कई बुजुर्ग किसान नेता जैसे बलबीर सिंह राजोवाल और रुल्दू सिंह मानसा भी शामिल थे। यह गिरफ्तारी और दमन का मकसद 5 मार्च से चंडीगढ़ में होने वाले एसकेएम के प्रदर्शन और सप्ताह भर के धरने को विफल करना था।
एसकेएम का आरोप है कि पंजाब सरकार किसानों के जीवन और उनकी आजीविका को नुकसान पहुँचाने वाली कॉरपोरेट नीतियों के खिलाफ उनके विरोध का दमन कर रही है। पंजाब के किसानों ने 5 मार्च को राज्यभर में बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किए थे और भगवंत मान सरकार को गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को रिहा करने के लिए मजबूर किया।
प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर निशाना साधते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने पूरे भारत के किसानों से 28 मार्च को देशभर में विरोध-प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
किसान संघ ने रविवार को बयान में कहा, ‘‘एसकेएम की राष्ट्रीय समन्वय समिति पूरे भारत के किसानों से 28 मार्च को पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस की दमनकारी कार्रवाई के खिलाफ पूरे भारत के जिलों में विरोध-प्रदर्शन करने का आह्वान करती है।’’