करनाल। जिले का वन क्षेत्र वर्तमान में लगभग 3,800 हेक्टेयर में फैला है, जो जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग चार प्रतिशत है। हालांकि, यह राज्य के औसत वन क्षेत्र से कम है, लेकिन सरकार ने करीब 20 प्रतिशत क्षेत्र का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत पौधरोपण और संरक्षण कार्यक्रमों से इसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले साल से लेकर अब तक रोड साइड, फार्मिंग, सरकारी भूमि और अन्य क्षेत्रों में 7 लाख 83 हजार 800 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है।
वन विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिले में करीब 210 से अधिक प्रजातियों के 1163711 पेड़-पौधे हैं। प्रदेश का वन क्षेत्र तो करीब 1608 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन करनाल का वन क्षेत्र करीब 41 वर्ग किलोमीटर में सिमट कर रह गया है। इसमें से 36 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र खुले वन और पांच किलोमीटर का क्षेत्र सघन वन के अंतर्गत आता है। यहां का कुल 1.77 प्रतिशत एरिया ही वन क्षेत्र में आता है। वन क्षेत्र सिकुड़ रहा है।
जिले में वन क्षेत्र बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रशासन और वन विभाग की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें मिशन हरियाली अभियान के तहत हर साल लाखों पेड़ लगाए जाते हैं, विशेषकर सार्वजनिक स्थानों, सड़कों के किनारे और ग्रामीण क्षेत्रों में। वन महोत्सव के तहत जुलाई महीने में बड़े पैमाने पर पौधरोपण कराया जाता है।
जल संरक्षण और हरित क्षेत्र विस्तार योजना के तहत जिले में तालाबों और जल निकायों के आसपास पौधरोपण कर जल स्तर बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा जागरूकता अभियानों के तहत स्कूलों और स्वयंसेवी संगठनों को पर्यावरण संरक्षण अभियानों में जोड़ा जा रहा है।
मुख्य चुनौतियां और समाधान
करनाल में वन क्षेत्र को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन चुनौतियां कम नहीं हैं, जैसे शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण वन क्षेत्र में कमी आना। कृषि विस्तार और अवैध कटाई। वायु और जल प्रदूषण की समस्या। इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार सख्त वन संरक्षण कानून लागू कर रही है और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से नए पौधरोपण कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।