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जिम्बाबवे में भारत की राष्ट्रापति की पहल पर बनेगा ‘बाजरा पार्क’

वर्ष 2023 को दुनियाभर में मिलेट वर्ष यानी बाजरा वर्ष के तौर पर मनाया जाना तय किया गया है| मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए भारत ने कई कार्यक्रम बनाये हैं| भारत दुनिया के प्रमुख बाजरा उत्पादक देशों में है |

भारत ने जिम्बाब्वे में इस पहल के हिस्से के रूप में एक भारतीय बाजरा पार्क स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है| खास बात यह है कि इस प्रस्ताव की घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तब की थी जब जिम्बाब्वे की संसद के अध्यक्ष एडवोकेट जैकब फ्रांसिस न्ज्विदामिलिमो मुडेन्डा ने संसद के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात की थी|

प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा था कि भारत और जिम्बाब्वे के संबंध सदियों पुराने हैं| उन्होंने भारतीय मूल के लगभग 9000 लोगों की उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला था, जो दोनों देशों के लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं| वहीं, जिम्बाब्वे- भारत व्यापार परिषद के सहयोग से भारतीय आर्थिक व्यापार संगठन (IETO) द्वारा नई दिल्ली में भारत-जिम्बाब्वे बैठक की मेजबानी की गई| आईईटीओ ने बैठक के दौरान एक मजबूत साझेदारी के लिए दोनों देशों के बीच समर्थन की प्रतिबद्धता भी जताई, जिसमें देश भर के कई उद्यमियों ने भाग लिया|

जिम्बाब्वे के लिए भारत में बहुत रुचि है| जिम्बाब्वे एक ऐसा देश है, जहां खनिज, औद्योगिक विकास, फार्मा, कृषि और खानों में द्विपक्षीय व्यापार के अवसरों की बड़ी गुंजाइश है| हाल ही में IETO के एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हरारे और बुलावायो का दौरा किया| खास बात यह है कि द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य लगभग $200 मिलियन अमरीकी डालर है| कई भारतीय कंपनियों ने वहां करीब 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है और भारत ने जिम्बाब्वे को पांच लाइन ऑफ क्रेडिट देने के अलावा एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है|

बाजरा का उत्पादन भारत में बढ़ा है| इसके साथ ही भारत सबसे अधिक बाजरा निर्यात करने के मामले में विश्व का पांचवा देश बन गया है| वर्ष 2020 में भारत में कुल वैश्विक उत्पादन का लगभग 41 फीसदी बाजरा का उत्पादन किया गया था|

वर्ष 2020-21 में भारत से 26.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के बाजरा का निर्यात किया गया. भारत मुख्य रुप से नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, लीबिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को, यूके, यमन, ओमान और अल्जीरिया में बाजरा निर्यात करता है| वर्ष 2020-21 में 6.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ नेपाल भारत से बाजरा आयात करने में पहले नंबर पर था, जबकि 4.84 मिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ यूएई दूसरे नंबर पर और 3.84 मिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ सऊदी अरब तीसरे स्थान पर था| बाजरा (मिलेट) का उत्पादन 2015-16 में 14.52 मिलियन टन से बढ़कर 2020-21 में 17.96 मिलियन टन हो गया. इसी अवधि के दौरान बाजरा का उत्पादन भी 8.07 मिलियन टन से बढ़कर 10.86 मिलियन टन हो गया|

सरकार का सहयोग
भारत सरकार ने अप्रैल 2018 में बाजरा को पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया| फिर बाजरा की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए, इसने अन्य राज्यों में बाजरा के अधिशेष उत्पादन की आवाजाही के लिए दिशा-निर्देशों को संशोधित किया| खरीद शुरू होने से पहले उपभोक्ता राज्य द्वारा रखी गई अग्रिम मांग को पूरा करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से अधिशेष बाजरा के अंतर-राज्यीय परिवहन का प्रावधान शामिल किया गया है|

वर्ष 20 दिसंबर 2021 को नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के साथ एक आशय के वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए, ताकि भारत को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में 2023 के अवसर का उपयोग करके ज्ञान के आदान-प्रदान में वैश्विक नेतृत्व करने में सहायता मिल सके। इसका उद्देश्य छोटे जोत वाले किसानों के लिए बेहतर आजीविका का निर्माण और जलवायु परिवर्तन और खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए अनुकूलन क्षमता का निर्माण करना है|

गौरतलब है कि बाजरा व अन्य मोटे अनाज पैदा करने में बेहद कम सिंचाई की ज़रूरत होती है जबकि एक किलो चावल उगाने के लिए तीन हज़ार लीटर पानी खर्च होता है|

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