बिहार में सबसे ज्यादा मखाना होता है। पानी में मखाना की खेती के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने संभावनाओं को देखते हुए तैयारी शुरू की है। मखाना की पैदावार के लिए जल्दी ही किसानों का ेक दल दरभंगा जाएगा। बिहार में मिथिलांचल का दरभंगा जिले में देश के अस्सी प्रतिशत मखाना का केन्द्र माना जाता है।
उत्तर प्रदेश में उद्यान विभाग पहले बागवानी को बढ़ावा दे रहा था। अब जल किसानों की आमदनी में इजाफा करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत मखाना और सिंघाड़ा की खेती बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा। उत्तर प्रदेश में तालाबों में मखाना और सिंघाड़ा की खेती को प्रोत्साहित किया जायेगा। इस योजना को कई विभाग मिलकर अंतिम रूप दे चुके हैं।
मिली जानकारी अनुसार मखाना की खेती के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी क्षेत्र वाराणसी के आठ विधानसभा से 25 किसानों को चयनित किया गया है, जिनकी ट्रेनिंग दरभंगा के मखाना संस्थान में कराई जाएगी। मखाना की खेती के लिए वाराणसी के कई तालाबो को चिन्हित किया गया है और तालाब से जुड़े हुए किसानों की पहचान की गई है। जिनको ट्रेनिंग दी जाएगा। उत्तर प्रदेश में मखाना उत्पादन योजना के तहत 25 किसानों को 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल से खेती की शुरुआत की जाएगी। इसमें 80 हजार प्रति हेक्टेयर की लागत है, जिसमे 50% प्रतिशत उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को दी जाएगी। मखाना की खेती के लिए केंद्र और राज्य से फंडिंग आ रही है।
मिली जानकारी अनुसार वाराणसी क्षेत्र के किसानों को मखाना की खेती का प्रशिक्षण पाने के लिए बिहार के दरभंगा व आसपास के जिलों में भेजा जाएगा। मखाने की खेती की ट्रेनिंग के लिए चुने गए किसानों को दरभंगा और उसके आसपास के इलाके में भेजा जाएगा। वहां पर किसानों को मखाने के उत्पादन और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में सिखाया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार में मखाना को हाल ही में मखाना को जीआई टैग मिलने के बाद कई देशों में इसका निर्यात किया जा रहा है।