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स्नान पर्व के साथ, अमृत स्नान पर भी हर घंटे दो लाख श्रद्धालु सुगमता से कर सकेंगे स्नान

महाकुम्भ में संगम स्नान का विशेष महत्व है। इसको लेकर योगी सरकार भी सजग है और उसने श्रद्धालुओं को संगम स्नान कराने की वृहद तैयारी की है। मात्र 85 दिनों के अंदर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग की यांत्रिक शाखा बैराज यंत्रिक खंड अनुरक्षण वाराणसी ने दिन रात एक करके संगम त्रिवेणी पर 2 हेक्टेयर से ज्यादा एरिया को विस्तार दिया है, जिसके चलते अब यहां अमृत स्नान पर भी हर घंटे दो लाख श्रद्धालु सुगमता के साथ स्नान कर सकेंगे। 2 हेक्टेयर एरिया में वृद्धि से जो त्रिकोण बना है उससे तीन तरफ से स्नान की सुविधा मिली है। इस क्षेत्र को ही संगम नोज कहा जा रहा है।

सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (सज्जा एवं सामग्री प्रबंध) लखनऊ उपेन्द्र सिंह ने बताया कि 2019 कुम्भ में योगी सरकार द्वारा 25 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए स्नान की व्यवस्था की गई थी। विगत 6 वर्षों में नदी की कटान के कारण संगम नोज काफी सीमित रह गया था। इस बार योगी सरकार ने महाकुम्भ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम स्नान कराने का संकल्प लिया है, इसको देखते हुए संगम क्षेत्र के विस्तार की बहुत आवश्यकता थी। यह बेहद चुनौती पूर्ण भी था। 2019 से हो रहे लगातार कटान के बावजूद 2025 के लिए संगम नोज में दो हेक्टेयर (2.60 लाख स्क्वायर मी.) क्षेत्र रिक्लेम किया गया है। इससे लगभग 2 लाख श्रद्धालु प्रति घंटे अधिक सुविधा और सुगमता से स्नान कर पाने में सक्षम होंगे। ‌। ,
उन्होंने बताया कि 2019 में संगम नोज की क्षमता 50 हजार श्रद्धालु प्रति घंटा स्नान की थी। इस तरह इसमें तीन गुना से ज्यादा की वृद्धि की गई है जो ऐतिहासिक उपलब्धि है। यही नहीं, शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक कुल 26 हेक्टेयर भूमि को रिक्लेम कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 2019 से नदी लगातार अपने दाएं किनारे को पकड़ कर चलती थी। इसके करण 2 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि नदी में समाहित हो गई थी। इसको 4 ड्रेजर मशीनों के माध्यम से रिक्लेम करके सफलता हासिल की गई। अधिशासी अभियंता बैराज यांत्रिक अनुरक्षण खंड वाराणसी सुजीत कुमार सिंह व टीम सूर्य भूषण, प्रदीप, अनुराग और अन्य द्वारा 4 बड़ी ड्रेजिंग मशीनों की सहायता से 26 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि रिक्लेम करते हुए संगम क्षेत्र का विस्तार किया गया।

उन्होंने कहा कि इस कार्य को बैराज यंत्रिक खंड अनुरक्षण वाराणसी द्वारा 15 अक्टूबर 2024 से शुरू किया गया था और इसे 7 जनवरी 2025 को संपन्न कर लिया गया। 85 दिनों तक तीनों शिफ्ट में काम करते हुए इस काम को अंजाम दिया गया। हर शिफ्ट में लगभग 25 वर्कर और सुपरवाइजर ने मिलकर कार्य को संपन्न कराया। इस दौरान विशेष रूप से चार ड्रेजर मशीनों का उपयोग किया गया। लगभग 7 लाख घन मीटर सिल्ट निकला गया, जिसे शास्त्री ब्रिज के डाउनस्ट्रीम से लेकर संगम नोज के बीच के दाहिने किनारे पर 6 लाख घन मीटर की बालू देकर विस्तार दिया गया। इसके साथ ही दूसरे महत्वपूर्ण एरावत घाट पर भी लगभग 75000 क्यूबिक मीटर बालू देकर क्षेत्र का विस्तार दिया गया। यही नहीं, सिंचाई विभाग के द्वारा 1650 मी बालू की बोरी लगाकर घाटों का विस्तार भी किया गया है।

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