उत्तर प्रदेश में रबी की फसल के लिए खाद लेने वाले किसानों के लिए नई नियमावली लागू हो गई है। अब साधन सहकारी समितियों से यूरिया और डीएपी केवल उन्हीं किसानों को दी जाएगी जिनके पास फार्मर आईडी या समिति की सदस्यता होगी। बाहरी किसान अब सीधे समितियों से खाद नहीं ले पाएंगे।
क्षेत्र में कुल 13 सहकारी समितियां हैं, जिनमें से 11 कामकाजी हैं। पहले कोई भी किसान सीधे समिति से खाद खरीद सकता था। लेकिन अब केवल सदस्य या फार्मर आईडी वाले किसान ही लाभ ले पाएंगे।
किसानों का कहना है कि पहले से ही यूरिया और डीएपी मिलना मुश्किल था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह मुश्किल और बढ़ जाएगी। निजी दुकानों पर खाद महंगी और कभी-कभी नकली मिलने की शिकायतें रहती हैं। इसलिए किसान सहकारी समितियों से खाद लेना ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं।
सदस्यता लेने का तरीका और शुल्क
सहायक आयुक्त सहकारिता राम सागर चौरसिया के अनुसार, समिति की सदस्यता लेने के लिए 236 रुपये देने होंगे:
•200 रुपये किसान के खाते में शेयर के रूप में जमा होंगे
•21 रुपये समिति के खाते में जाएंगे
•5 रुपये विविध खर्च के लिए लिए जाएंगे
पुराने सदस्य सिर्फ 5 रुपये जमा कर सदस्यता नवीनीकृत कर सकते हैं।
इस नए नियम का मकसद किसानों को सहकारी समितियों से जोड़ना और खाद वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
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