भारत का पहला यूरिया प्लांट रूस में, पुतिन की यात्रा में होगी घोषणा – Khalihan News
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भारत का पहला यूरिया प्लांट रूस में, पुतिन की यात्रा में होगी घोषणा

भारत का पहला यूरिया प्लांट रूस में, पुतिन की यात्रा में होगी घोषणा

भारत लंबी अवधि के लिए यूरिया और अन्य उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रूस में अपनी पहली यूरिया निर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रहा है। यह जानकारी ईकोनॉमिक टाइम्स ने उन सूत्रों के हवाले दी है जो इस परियोजना से परिचित हैं।
प्रस्तावित परियोजना में राश्ट्रिय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (RCF), नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) और इंडियन पोटाश लिमिटेड (IPL) शामिल हैं। इसका उद्देश्य रूस के प्रचुर प्राकृतिक गैस और अमोनिया भंडार का लाभ उठाना है, जो भारत के पास पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं।
अधिकारियों ने कहा कि यह परियोजना दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान घोषित की जा सकती है, जो भारत–रूस आर्थिक सहयोग का एक नया अध्याय साबित होगी।
संस्थान और रूसी साझेदारों के बीच NDA
सूत्रों के अनुसार, RCF, NFL और IPL ने पहले ही रूसी कंपनियों के साथ गोपनीयता समझौते (NDA) पर हस्ताक्षर कर परियोजना की तैयारी शुरू कर दी है।
•यह इकाई वार्षिक दो मिलियन टन यूरिया उत्पादन करने में सक्षम होगी।
•फिलहाल, भूमि आवंटन, प्राकृतिक गैस और अमोनिया की कीमत, और परिवहन लॉजिस्टिक्स पर बातचीत चल रही है।
एक सूत्र ने ईकोनॉमिक टाइम्स को बताया, “दोनों पक्षों की ओर से गंभीरता और सहयोग देखा जा रहा है, और चर्चा लगातार आगे बढ़ रही है।”
रूस क्यों?
रूस के विशाल गैस और अमोनिया भंडार भारत के लिए इसे प्राकृतिक भागीदार बनाते हैं। भारत इन कच्चे मालों पर आयात पर निर्भर है, जबकि यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उर्वरक उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है।
रूस में प्लांट स्थापित करने से भारत भविष्य के मूल्य झटकों और आपूर्ति बाधाओं से सुरक्षित रहेगा। खासकर पिछले दो वर्षों में वैश्विक व्यापार प्रतिबंधों और युद्धों के कारण उर्वरक बाजार अस्थिर होने के अनुभव के बाद यह रणनीतिक कदम महत्वपूर्ण है।
पृष्ठभूमि: उर्वरक संकट ने दिखाई जोखिम की तस्वीर
इस वर्ष के खरीफ सीजन के दौरान चीन ने यूरिया और अन्य पोषक तत्वों का निर्यात रोक दिया था, जिससे भारत को महंगे विकल्प तलाशने पड़े। इससे सरकारी सब्सिडी पर दबाव पड़ा और खाद्य उत्पादन की चिंता बढ़ गई।
भारत में मॉनसून की अच्छी बरसात और मक्का जैसी पोषक तत्व-प्रधान फसलों की बढ़ती खेती के कारण उर्वरक की मांग तेजी से बढ़ी है। रबी सीजन में गेंहू जैसी उच्च पोषक तत्व वाली फसल के कारण मांग और बढ़ने की संभावना है।
घरेलू क्षमता बढ़ रही है, लेकिन कच्चा माल अभी भी कमी में
•भारत का घरेलू यूरिया उत्पादन FY24 में रिकॉर्ड 31.4 मिलियन टन पहुंचा।
•इसमें HURL, Chambal Fertilisers & Chemicals, Matix Fertilisers & Chemicals और RFCL की नई इकाइयों का योगदान रहा।
•उत्तर पूर्वी भारत में असम में एक नया यूरिया प्लांट भी 10,601 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी पा चुका है।
फिर भी, भारत प्राकृतिक गैस और अमोनिया जैसे कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है। ऐसे में रूस में निवेश रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

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