हाथरस जिले में औद्योगिक विकास को और गति मिलने जा रही है। जिला उद्योग केंद्र द्वारा निर्धारित लक्ष्य के तहत अब जिले में चार और नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होने जा रही है, जिनके जनवरी तक संचालन शुरू होने की उम्मीद है। इससे कृषि, डेयरी और पशुपालन से जुड़े लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
जिला उद्योग केंद्र हाथरस ने पिछले चार वर्षों में 88 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य के अंतर्गत अब तक 84 इकाइयां सफलतापूर्वक शुरू हो चुकी हैं, जबकि शेष चार इकाइयों को शुरू करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। उद्यमी तेजी से आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर रहे हैं ताकि जनवरी तक ये इकाइयां उत्पादन शुरू कर सकें।
प्रस्तावित चार औद्योगिक इकाइयों पर लगभग 40 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह निवेश न केवल जिले के औद्योगिक ढांचे को मजबूती देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा। बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश से उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और औद्योगिक मानचित्र पर हाथरस की पहचान और सशक्त होगी।
इन चार इकाइयों में एक उद्यान आधारित उद्योग, एक डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट और दो एमएसएमई श्रेणी के उद्योग शामिल हैं। कृषि और पशुपालन से जुड़े होने के कारण ये उद्योग स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग करेंगे। इससे किसानों, दुग्ध उत्पादकों और छोटे कारोबारियों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।
नई इकाइयों में आधुनिक मशीनरी, स्वचालित उत्पादन प्रणालियों और ऊर्जा दक्ष तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इससे उत्पादन प्रक्रिया अधिक तेज, सटीक और गुणवत्तापूर्ण होगी, साथ ही पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त अजलेश कुमार के अनुसार, इन चार इकाइयों के संचालन से लगभग 500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके अलावा परिवहन, आपूर्ति, पैकेजिंग और अन्य सहायक सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों में भी अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार से जिले के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर पलायन नहीं करना पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर ही आजीविका के बेहतर साधन उपलब्ध होंगे, जिससे सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर सकारात्मक बदलाव आएगा। कुल मिलाकर, यह पहल हाथरस को औद्योगिक विकास की नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।



