अमेरिकी एग्रीटेक कंपनी कोरतेवा एग्रीसाइंस (Corteva Agriscience) भारत के लिए खास तौर पर तैयार किए गए हाइब्रिड गेहूं पर बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। कंपनी का अनुमान है कि अगले 10–15 वर्षों में इसके व्यावसायिक बीज किसानों के लिए उपलब्ध होंगे। यह जानकारी कोरतेवा एशिया पैसिफिक की अध्यक्ष ब्रुक कनिंघम ने अपने भारत दौरे के दौरान दी।
भारत के लिए प्राथमिकता: स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अनुसंधान
कनिंघम ने बताया कि कंपनी ने पिछले वर्ष अपने निवेशक दिवस पर हाइब्रिड गेहूं के लिए नई ‘स्टेरिलिटी सिस्टम’ तकनीक की घोषणा की थी। अब भारत-विशिष्ट जर्मप्लाज्म पर निवेश शुरू हो चुका है।
उनके अनुसार,
“हाइब्रिड गेहूं को वैश्विक स्तर पर पूरी तरह विकसित होने में 25 साल लगते हैं, लेकिन भारत हमारे लिए शीर्ष प्राथमिकता है।”
उत्पादन बढ़ेगा, रणनीतिक फसलों के लिए जमीन भी बचेगी
हाइब्रिड गेहूं तकनीक से
•प्रति एकड़ गेहूं उत्पादन बढ़ेगा
•किसानों की आय में वृद्धि होगी
•अतिरिक्त भूमि मकई (एथेनॉल), सरसों (खाद्य तेल व SAF) जैसी रणनीतिक फसलों के लिए उपलब्ध हो सकेगी
भारत ‘फीड एंड फ़्यूल’ का वैश्विक केंद्र बनने की क्षमता
कनिंघम का मानना है कि भारत चावल और गेहूं में आत्मनिर्भर होने के साथ ही फलों, सब्ज़ियों, मक्का और सतत विमान ईंधन (SAF) के निर्यात में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन और कीट प्रतिरोध जैसी चुनौतियों के बीच
“तकनीक ही भारत को खाद्य सुरक्षा और निर्यात लक्ष्यों तक पहुंचा सकती है।”
छोटे किसानों पर फोकस, 15–20% तक बढ़ी पैदावार
भारत में कोरतेवा की 12% वार्षिक वृद्धि का बड़ा कारण छोटे किसानों पर फोकस है।
कनिंघम के अनुसार, कंपनी की तकनीक:
•छोटे किसानों (औसत 0.3 हेक्टेयर) की पैदावार 15–20% तक बढ़ाती है
•कुछ नवाचारों से आय में 20–30% तक वृद्धि हुई है
उन्होंने कहा,
“हम मूल्य को किसानों, वैल्यू चेन और कंपनी—सबके बीच साझा करते हैं, ताकि यह मॉडल टिकाऊ रहे।”
भारत में 1972 से मौजूद, तेलंगाना में दो बड़े R&D हब
कोरतेवा हर साल वैश्विक स्तर पर 1.4 बिलियन डॉलर से अधिक R&D में निवेश करती है। भारत में कंपनी लगभग आधी सदी से कार्यरत है और तेलंगाना में इसके दो प्रमुख अनुसंधान केंद्र हैं।
हालाँकि, भारत में निवेश राशि और हाइब्रिड गेहूं कार्यक्रम की लागत का खुलासा नहीं किया गया।
मकई, सरसों और चावल में भी बढ़ते अवसर
•अगले दो वर्षों में मकई क्षेत्र 15% बढ़ने की उम्मीद, एथेनॉल व प्रोटीन मांग के कारण
•इस वर्ष लॉन्च हुई क्लियरफ़ील्ड सरसों हाइब्रिड को कंपनी बड़े स्तर पर विस्तार देगी
•चावल में हाइब्रिडाइजेशन अभी कम है, जिसे कोरतेवा एक “बड़ा अवसर” मानती है
•AI आधारित अनुसंधान से नई तकनीकों के विकास की गति बढ़ाई जा रही है
2025 में वैश्विक स्तर पर 5% नेट सेल्स ग्रोथ का अनुमान
कोरतेवा ने 2025 में वैश्विक बिक्री में 5% वृद्धि का लक्ष्य तय किया है।



