उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (एमपीएसपी) के शताब्दी वर्ष 2032 तक के लिए स्पष्ट और दीर्घकालिक लक्ष्य तय कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने परिषद से जुड़ी संस्थाओं को निर्देश दिया है कि वर्ष 2032 तक शिक्षा, चिकित्सा, योग, सेवा और अन्य क्षेत्रों में कुल 100 संस्थाओं का संचालन किया जाए और एक लाख विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ किसी न किसी कौशल से जोड़ा जाए।
सीएम योगी ने यह निर्देश महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह के अवसर पर परिषद की सभी संस्थाओं के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि परिषद का शताब्दी वर्ष 10 दिसंबर 2031 से 10 दिसंबर 2032 तक पूरे एक वर्ष मनाया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए अभी से कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर तैयारियों में जुटने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में परिषद की 52 संस्थाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें लगभग 70 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। शताब्दी वर्ष तक इस संख्या को बढ़ाकर एक लाख तक ले जाने और हर विद्यार्थी को कम से कम एक स्किल से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संस्था अपने स्तर पर विद्यार्थियों को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयास करे।
बैठक में सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिया कि शताब्दी वर्ष तक परिषद से जुड़ी संस्थाएं सौ बस्तियों को गोद लेकर उन्हें ‘मॉडल बस्ती’ के रूप में विकसित करें। इन बस्तियों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, रोजगार, स्वरोजगार और जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। विशेष रूप से थारू और वनटांगिया जैसी बस्तियों के समग्र विकास पर संतृप्ति के स्तर तक कार्य करने पर जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने एमपीएसपी की संस्थाओं से वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रत्येक संस्था की पहचान उसकी किसी विशिष्टता से होनी चाहिए। उन्होंने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने की सलाह दी।
सीएम योगी ने संस्था प्रमुखों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे स्वयं अनुशासन, परिश्रम और ईमानदारी के रोल मॉडल बनें। उन्होंने संस्थानों में आधुनिकता के साथ भारतीय परंपरा, संस्कृति और आध्यात्मिक मूल्यों के संरक्षण पर बल दिया। साथ ही सभी परिसरों को पूरी तरह नशा मुक्त रखने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने परिषद की संस्थाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि तकनीकी, मेडिकल, पैरामेडिकल, फार्मेसी और कृषि शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों की भूमिका विकसित भारत के निर्माण में अहम होगी, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।
अंत में सीएम योगी ने वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और समाज के एक-एक पैसे के सदुपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोक कल्याण और सामाजिक उत्तरदायित्व को केंद्र में रखकर ही एमपीएसपी अपने संस्थापक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को साकार कर सकती है।



