सात अगस्त तक एक साल में गेहूं की कीमतें खुदरा बाजार में 6.77 प्रतिशत और थोक बाजार में 7.37 प्रतिशत बढ़ गई हैं। इसी तरह, चावल की कीमतों में खुदरा बाजार में 10.63 प्रतिशत और थोक बाजार में 11.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस महंगाई को कम करने के लिए ही सरकार ने गेहूं और चावल की नीलामी की मात्रा को बढ़ाने का फैसला लिया है।
भारत सरकार ने एक बड़े फैसले में खुले बाजार में 50 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला लिया है। इसी के साथ 25 लाख टन चावल भी बेचा जाएगा। सरकार खुला बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं और चावल खुले बाजार में बेचेगी। इससे बाजार में इन दोनों अनाजों की मौजूदगी बढ़ेगी जिससे दाम में गिरावट आने की उम्मीद की गई है। हाल के दिनों में जिस तरह से गेहूं और चावल का रेट बढ़ा है, इसे देखते हुए सरकार नए-नए कदम उठा रही है। उसी में ओएमएसएस भी एक है जिसमें 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल बेचने का फैसला किया गया है।
खुले बाजार में तहत गेहूं और चावल की सप्लाई फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिये की जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से हर हफ्ते अनाजों की नीलामी कर रही है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल की पिछली पांच ई-नीलामी के अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि खुला बाजार बिक्री योजना के तहतआरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) में 200 रुपये/क्विंटल की कमी की जाएगी और प्रभावी मूल्य अब 2900 रुपये/क्विंटल होगा।
सरकार के अब तक खुले बाज़ार में गेहूं की ई-टेंडरिंग के बावजूद गेहूं और चावल के दाम कम नहीं हुए । सरकार की तरफ से कहा गया है कि बाजारों में अनाजों की उपलब्धता बढ़ाने, बाजार की कीमतों में वृद्धि को कम करने और खाद्य महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए ओएमएसएस के तहत निजी कंपनियों को गेहूं और चावल की पेशकश करने का निर्णय लिया है.। गौरतलब है कि सरकार एक जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत खाद्य सुरक्षा कानून के लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार फ्री अनाज भी उपलब्ध करा रही है।
अभी एफसीआई सेंट्रल पूल से बड़े-बड़े थोक खरीदारों को गेहूं और चावल की बिक्री कर रहा है जिसमें आटा मिलर्स और छोटे व्यापारी शामिल हैं। इसकी बिक्री खुला बाजार बिक्री योजना (ओपन मार्केट सेल स्कीम) के तहत की जा रही है जिसे सरकार ने 28 जून से शुरू किया है।PHOTO CREDIT – google.com